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अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र ने 9 राज्यों को दिया 167 करोड़ रुपये का फंड

गृह मंत्रालय ने नौ राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र के आधारभूत संरचना के विकास के लिए 167 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।

Updated on: 26 Dec 2017, 02:42 PM

highlights

  • नौ राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र के विकास के लिए 167 करोड़ रुपये का फंड
  • बीएडीपी के तहत अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 0-10 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले गांवों को दिया जाता है

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय ने नौ राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र के आधारभूत संरचना के विकास के लिए 167 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।

राजस्थान और पंजाब जिसकी सीमा पाकिस्तान के साथ लगी है और पश्चिम बंगाल और असम जिसकी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई हैं, इन राज्यों को इसका काफी फायदा पहुंचने वाला है।

एक अधिकारी ने कहा, 'सीमा क्षेत्र विकास योजना (बीएडीपी) के तहत मेघालय, पंजाब, राजस्थान, बिहार, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल को हाल ही में गृह मंत्रालय के तरफ से 167 करोड़ की राशि दी गई है।'

केन्द्र सरकार के द्वारा पूरी तरह से फंडेड सीमा क्षेत्र विकास योजना 17 राज्यों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 0-10 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले गांवों को दिया जाता है।

हालांकि इस योजना में सीमा रक्षक दलों के द्वारा आधारभूत संरचना के तेज विकास के लिए पहचान किए गए गांवों को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जाती है।

सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत आने वाली योजनाओं के तहत सफाई अभियान, कौशल विकास योजनाएं, खेल-कूद की गतिविधियों को बढ़ावा, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा, सीमा पर्यटन और विरासत स्थलों की सुरक्षा जैसी योजनाएं शामिल हैं।

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इसके अलावा सुदूर और असुविधा वाले पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीपैड का निर्माण जहां सड़क की सुविधाएं नहीं हैं, किसानों को खेती के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक कौशल प्रशिक्षण, जैविक खेती जैसी योजनाएं भी इसके तहत शामिल हैं।

बता दें कि राजस्थान और पंजाब की सीमा पाकिस्तान से लगी हुई हैं, वहीं पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और मेघालय की सीमा बांग्लादेश से लगी हुई हैं।

बिहार की सीमा नेपाल के साथ, सिक्किम की सीमा नेपाल, भूटान और चीन के साथ और हिमाचल प्रदेश की सीमा चीन के साथ लगी हुई है।

इसके पहले भी गृह मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे 6 राज्यों के लिए इसी योजना के तहत 174 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की थी।

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