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केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने कांग्रेस सांसद दिनेश गुंडू राव को क्‍यों कहा- 'तुम तो मुस्‍लिम महिला के पीछे पड़े थे'

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े (Anantkumar Hegde) और कांग्रेस सांसद दिनेश गुंडू राव के बीच टि्वटर वार छिड़ा हुआ है.

Updated on: 28 Jan 2019, 12:37 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े (Anantkumar Hegde) और कांग्रेस सांसद दिनेश गुंडू राव के बीच टि्वटर वार छिड़ा हुआ है. एक दिन पहले उन्‍होंने बयान दिया था- 'अगर कोई हाथ किसी हिंदू लड़की तो छूता है तो उसे खत्म कर देना चाहिए.' इसके साथ ही उन्होंने ताजमहल (Taj Mahal)को भी शिव मंदिर बताया. हेगड़े के बयान के बाद कर्नाटक कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष दिनेश जी राव (Dinesh Gundu Rao) ने केंद्रीय मंत्री के बयान की निंदा की और उनसे काम का ब्योरा मांगा. राव ने कहा- मैं कह सकता हूं कि यह खेदजनक है कि ऐसे लोग मंत्री बन गए और सांसद के रूप में चुने गए.'

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इसके बाद अनंत कुमार हेगड़े दिनेश गुंडू राव की पत्‍नी तबू राव को बहस में ले आए. तबू राव मुस्लिम हैं. केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर पर कहा- 'मैं पक्का दिनेश जी राव के सवालों का जवाब दूंगा, लेकिन पहले वह यह खुलासा कर सकते हैं कि उनकी उपलब्धियों के साथ कौन हैं? मैं केवल उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में जानता हैं, जो एक मुस्लिम महिला के पीछे पड़े थे.' इस पर राव ने फिर ट्वीट किया, 'अनंत कुमार हेगड़े का इतने नीचे स्तर पर जाकर व्यक्तिगत मुद्दों को बीच में लाना देखकर दुख हुआ. अंदाजा लगाइए क्या ये उनकी संस्कृति की कमी है? क्या उन्होंने हमारे हिंदू धर्मग्रंथों से कुछ नहीं सीखा? अब समय जा चुका है, लेकिन वह अभी भी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनने की कोशिश कर सकते हैं.'

अनंत हेगड़े के विवादित बोल

  • पिछले साल कर्नाटक के करवर में एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, 'राजनीति के कारण ही मैं एक सांसद बन पाया. हम राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते हैं. हम यहां समाज सेवा करने नहीं आए हैं हम यहां राजनीति करने आए हैं इसलिए हम करते हैं. पत्रकार इसकी जैसी व्याख्या करना चाहते हैं वे कर सकते हैं.'
  • 2017 में उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि बीजेपी 'संविधान बदलने के लिए' सत्ता में आई है. कोप्पल जिले एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, 'लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है. इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं. जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं.'
  • 50 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, 'अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू हूं तो मुझे खुशी होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं. जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, जो नहीं जानता उन्‍हें क्‍या कहा जाए.