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CBI के सामने पेश नहीं हुए राजीव कुमार, पत्र भेजकर मांगा गया वक्त

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.

Updated on: 27 May 2019, 03:56 PM

highlights

  • सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए राजीव कुमार
  • पत्र लिखकर मांगा गया वक्त
  • नहीं पेश होने का कारण छुट्टी पर जाना बताया गया

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. शारदा चिट फंड घोटाला मामले में राजीव कुमार को नोटिस जारी करके जांच एजेंसी के सामने सोमवार यानी आज पेश होने को कहा गया है. नोटिस के बावजूद राजीव कुमार वहां पेश नहीं हुए. अधिकारियों ने बताया कि कुमार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को एक पत्र भेजकर पेश होने के लिए और समय मांगा है. इसमें बताया गया है कि राजीव कुमार किसी निजी काम से अपने घर यूपी गए हैं और वो छुट्टी पर चल रहे हैं, इसलिए पेश नहीं हो सकते हैं. 

अगर राजीव कुमार विदेश यात्रा करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए
बता दें कि एजेंसी ने इस सप्ताह सर्कुलर जारी किया जिसमें सभी हवाई अड्डों और आव्रजन अधिकारियों से कहा गया है कि वे आईपीएस अधिकारी को एक साल के लिए देश छोड़ने की अनुमति न दें और अगर वह विदेश यात्रा की कोशिश करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए. सीबीआई कुमार को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना चाहती है.

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लुकआउट नोटिस का क्या है मतलब
यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है तो इसका आशय यह है कि आव्रजन अधिकारियों को यह निर्देश होता है कि वह यह सुनिश्चित करें कि वह व्यक्ति हवाई या समुद्र मार्ग से भारत को छोड़कर भाग न सके.

राजीव कुमार पर यह है आरोप
1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पर पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ करने और कुछ राजनेताओं को 2,500 करोड़ रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले की जांच में बचाने का प्रयास करने का आरोप है. बाद में सीबीआई ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था.

एसआईटी का गठन 2013 में ममता बनर्जी सरकार ने किया था. 2014 में शीर्ष अदालत ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में बताई थी ये बात
सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि वह कुमार से हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि प्रथमदृष्टया सबूत मिले हैं कि राजीव कुमार ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की.

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9 फरवरी तक हुई थी पूछताछ
इसके बाद शीर्ष अदालत ने कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया .अब, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को 'कानून के अनुसार कार्य करने' की अनुमति दी है. सीबीआई ने कुमार से शिलांग में 9 फरवरी से पांच दिन तक पूछताछ की थी.

सीबीआई का आरोप है कि शारदा समूह की कंपनियों ने अपने निवेश पर उच्च दरों का वादा करते हुए लाखों ग्राहकों को धोखा दिया.