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ममता के चहेते आईपीएस के खिलाफ लुकऑउट नोटिस, सीबीआई कर सकती है गिरफ्तार

ममता बनर्जी के चहेते आईपीएस अधिकारी और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ रही हैं. एक नए घटनाक्रम में राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने लुकऑउट नोटिस जारी किया है.

Updated on: 26 May 2019, 01:06 PM

highlights

  • सीबीआई का कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर के खिलाफ लुकऑउट नोटिस.
  • सुप्रीम कोर्ट पहले ही उनकी गिरफ्तारी का कर चुकी है रास्ता साफ.
  • राजीव कुमार के संभल स्थित घर पर पुलिस तैनात.

नई दिल्ली.:

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही पश्चिम बंगाल (WestBengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के चहेते आईपीएस अधिकारी और कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ रही हैं. एक नए घटनाक्रम में राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने लुकऑउट नोटिस जारी किया है. यानी इसके बाद राजीव कुमार के विदेश जाने से पहले सभी एयरपोर्ट अथॉरिटी सीबीआई (CBI) को सूचना देंगी. 23 मई को जारी किया गया यह नोटिस एक साल तक प्रभावी रहेगा.

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सबूतों से छेड़छाड़ का है आरोप
गौरतलब है कि राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड (Sharda Chitfund Scam) और रोजवैली चिटफंड घोटाले (RoseValley Chitfund Scam) की जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है. इस मामले में सीबीआई राजीव कुमार को पूछताछ करने के लिए गिरफ्तार करना चाहती है. राजीव कुमार को 24 मई तक गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ था. गिरफ्तारी से छूट मिलने की अवधि बढ़ाए जाने के लिए राजीव कुमार (Rajiv Kumar) सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जहां उन्हें झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोलकाता हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था.

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राजीव के संभल घर पर पुलिस तैनात
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से गिरफ्तारी से मिली राहत की अवधि समाप्त होने के बाद अब राजीव कुमार को सीबीआई कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. उत्तर प्रदेश के संभल में उनके पैतृक घर पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है. इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां राजीव कुमार की तलाश में लग गई हैं. बता दें, पश्चिम बंगाल की अदालतों के वकील हड़ताल पर हैं, इसलिए राजीव कुमार चाहकर भी कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta HighCourt) का रूख नहीं कर पा रहे हैं.

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जानें क्या है पूरा मामला
शारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के लिए 2013 में ममता सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन किया था. इसकी अगुवाई राजीव कुमार कर रहे थे. बाद में इस मामले को सीबीआई के पास भेज दिया गया था. सीबीआई का दावा है कि मामला ट्रांसफर होने के बाद भी राजीव कुमार ने कई सबूतों (Hiding Proofs) को उन्हें नहीं सौंपा और छिपाने की कोशिश की. राजीव कुमार से कई बार सीबीआई पूछताछ भी कर चुकी है, लेकिन उन पर सहयोग न देने का आरोप लगता रहा है.

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ममता और केंद्र आ चुके हैं आमने-सामने
गौरतलब है कि सीबीआई कोलकाता में राजीव कुमार के ठिकाने पर छापेमारी (CBI Raid) की कोशिश कर चुकी है, मगर उस दौरान कोलकाता पुलिस से सीबीआई टीम की भिड़ंत हो गई थी और पुलिस ने सीबीआई के अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया था. यह मामला केंद्र की मोदी और राज्य की ममता बनर्जी सरकार के बीच टकराव के तौर पर भी देखा गया था. इस घटना के बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन (Mahagatbandhan) की नींव पड़ी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव आते-आते महागठबंधन अपने विरोधाभासों के चलते बिखर गया.