आंध्र-बंगाल में CBI की एंट्री बैन, अरुण जेटली बोले, 'जिनके पास छिपाने को बहुत कुछ उन्होंने उठाया ये कदम'
आंध्र और बंगाल सरकार ने राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से छापा मारने या जांच करने पर पाबंदी लगा दी है.
नई दिल्ली:
आंध्र और बंगाल सरकार ने राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से छापा मारने या जांच करने पर पाबंदी लगा दी है. दोनों राज्य की सरकारों ने 'आम सहमति' को निरस्त करने का फैसला किया है. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई में चल रहे संकट के चलते यह कदम उठाया है. सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है. इस मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रतिक्रिया सामने आई है. न्यूज नेशन के सवाल पर अरुण जेटली ने कहा, 'केवल वे लोग जिनके पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है उन्होंने सीबीआई को अपने राज्य में आने की अनुमति न देने का कदम उठाया है. भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी राज्य की कोई संप्रभुता नहीं है.' जेटली ने आगे कहा, 'आंध्र और पश्चिम बंगाल सरकार का फैसला आगे आने वाले खतरे को भांपते हुए लाया गया है. पश्चिम बंगाल का शारदा और नारदा स्कैम इस फैसले से छुपने वाला नहीं है.'
Only those who have a lot to hide have taken the step of not letting CBI come to their state. There is no sovereignty of any state in the matter of corruption. Andhra move is not motivated by any particular case but in fear of what is likely to happen: Union Minister Arun Jaitley pic.twitter.com/fPOH2BWW2b
— ANI (@ANI) November 17, 2018
वहीं सीबीआई के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर एन एस रावत से न्यूज नेशन ने बातचीत की. उन्हीने कहा, 'किसी भी सरकार ने सीबीआई को स्वतंत्र रहने देने की कोशिश नहीं की.' एन एस रावत ने सीबीआई के दामन पर लगे दाग जल्द मिटने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, 'जल्द दाग खत्म होंगे और लोगों का विश्वास सीबीआई में बढ़ेगा.'
आंध्र प्रदेश और बंगाल सरकार ने राज्य में बिना इजाजत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से छापा मारने या जांच करने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है. टीडीपी सरकार ने केंद्र सरकार के अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई अधिकारियों को दी गई जांच के क्षेत्राधिकार की 'आम सहमति' को निरस्त कर यह आदेश जारी किया है. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई में चल रहे संकट के चलते यह कदम उठाया है. सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है.
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राज्य सरकार ने इस वर्ष 3 अगस्त को सीबीआई को राज्य में उसकी शक्तियों और क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने पर अपनी आम सहमति दी थी. अब इसे डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत निरस्त कर दिया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राज्य में बिना अनुमति के सीबीआई की एंट्री पर बैन लगा दिया है. पश्चिम बंगाल में सीबीआई को जांच की आम सहमति 1989 में लेफ्ट फ्रंट सरकार ने दी थी. दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के नियमों के मुताबिक सीबीआई की गठन हुआ था. सीबीआई के पास पूरी दिल्ली क्षेत्र में जांच का अधिकार है. लेकिन इसके अलावा वह दूसरे राज्यों में भी राज्य सरकार की 'आम सहमति' से प्रवेश कर सकती है.
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