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विजय माल्या के खिलाफ CBI एक महीने के भीतर दाखिल कर सकती है आरोप पत्र, बैंक अधिकारी भी हो सकते हैं आरोपी

विजय माल्या के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक महीने के भीतर आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल कर सकती है।

Updated on: 16 Sep 2018, 07:39 PM

नई दिल्ली:

विजय माल्या के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक महीने के भीतर आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी भगोड़ा घोषित किए जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए ऋण से जुड़े बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मामले में आरोपी बना सकती है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई वाले 17 बैंक के समूह द्वारा किंगफिशर को दिये गए 6,000 करोड़ से अधिक के ऋण मामले में यह सीबीआई की ओर से दाखिल की जाने वाली यह पहली चार्जशीट होगी। इसमें स्टेट बैंक ने अकेले 1,600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था।

एजेंसी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा दिये गए 900 करोड़ रुपये के बकाया ऋण के एक अलग मामले में पिछले साल माल्या के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इस मामले में बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी कथित तौर पर संलिप्त थे।

सीबीआई ने माल्या के खिलाफ आईडीबीआई ऋण मामले में 2015 में और बैंक के समूह ऋण मामले में 2016 में मामला दर्ज किया था।

अधिकारियों के नाम का खुलासा न करते हुए सूत्रों ने बताया कि बैंकों के समूहों द्वारा दिये गए ऋण की जांच का पहला चरण पूरा हो चुका है और जांच को जारी रखते हुए एक माह के भीतर आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि किंगफिशर एयरलाइन्स को ऋण देने के मामले में सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के बैंक अधिकारियों को आरोपपत्र में आरोपी बनाया जा सकता है क्योंकि एजेंसी ने उनके खिलाफ पद के दुरुपयोग के मामले में पर्याप्त सबूत जुटाए हैं।

अधिकारी के मुताबिक माल्या और किंगफिशर एयरलाइन्स के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी ए रघुनाथन सहित पूर्ववर्ती कंपनी के कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा।

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उन्होंने कहा है कि एजेंसी इस मामले में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी जो बैंक कर्मचारियों के निर्णय को प्रभावित करने में शामिल हो सकते हैं। जांच के दौरान एजेंसी ने पर्याप्त मात्रा में प्रमाण जुटाए हैं जिसमें दिखता है कि माल्या ने लोन के पैसों का इस्तेमाल गलत तरीके से किया।

हाल ही में लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने अरुण जेटली से मुलाकात के बयान पर भारतीय मीडिया को सफाई देते हुए कहा था, 'मैंने संसद में अरुण जेटली से मुलाकात की थी और मैंने उन्हें का था कि मैं लंदन जा रहा हूं, मैं बैंकों के साथ लोन विवाद सेटलमेंट करना चाहता हूं। क्या वह बातचीत की सुविधा करवाएंगे? मेरी उनके साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई थी। मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। मैंने उनसे बैंकों के साथ सेटलमेंट करने की पेशकश बात दोहराई थी, मैं अक्सर उनसे संसद में मिला करता था।

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विजय माल्या के इस बयान के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह घिर गई थी जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बयान जारी कर कहा था कि उनकी माल्या के साथ कभी औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी।

लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट अदालत विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी। माल्या ने कहा कि वे बैंक में कर्ज को चुकाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बैंक उनकी मदद नहीं कर रहे हैं।