कैशलेश भारत को 'झटका' नोटबंदी के बाद दोगुना हुआ कैश
कैशलेस इकॉनमी की तरफ बढ़ने की केंद्र सरकार की कोशिसों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आकड़ों से करारा झटका लगेगा।
नई दिल्ली:
कैशलेस इकॉनमी की तरफ बढ़ने की केंद्र सरकार की कोशिशों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आकड़ों से करारा झटका लगा है।
आरबीआई के अनुसार बाजार में अभी करीब 18.5 लाख करोड़ रुपये कैश का लेन-देन एकसाथ हो रहा है।
यह आंकड़ा बताता है कि नोटबंदी के बाद कैश देश में दोगुने से ज्यादा हो गया है। बता दें कि नोटबंदी के बाद जनता के हाथ में कैश घटकर 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गया था।
जनता के पास मई 2014 में कैश 13 लाख करोड़ रुपये था, जबकि मई 2016 में 16.7, नवंबर 2016 में 17.9 फरवरी 2017 में 10, सितंबर 2017 में 15 और मई 2018 में 18.5 लाख करोड़ रुपये तक कैश पहुंच गया। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि देश में कैश की संख्या साल दर साल बढ़ी है।
बता दें कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ ही सभी पुराने 500 और 1000 के नोट बंद हो गए थे। नोटबंदी के बाद मूल्य के हिसाब से चलन में मौजूद 86% नोट अमान्य हो गए थे।
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