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खालिस्तानी आतंकी के निमंत्रण से जस्टिन ट्रूडो निराश, विदेश मंत्रालय जांच में जुटी

खालिस्तानी अंतरराष्ट्रीय सिख युवा संघ के कनाडा में स्थित आतंकवादी जसपाल अटवाल के भारत में एक कार्यक्रम में देखे जाने के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यह कभी नहीं होना चाहिए था।

Updated on: 22 Feb 2018, 05:48 PM

नई दिल्ली:

खालिस्तानी अंतरराष्ट्रीय सिख युवा संघ के कनाडा में स्थित आतंकवादी जसपाल अटवाल के भारत में एक कार्यक्रम में देखे जाने के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यह कभी नहीं होना चाहिए था।

जसपाल अटवाल के मुंबई में कनाडा के प्रधानमंत्री की पत्नी शोपी ट्रूडो के साथ फोटो सामने आने के बाद यह विवाद बढ़ गया है। यह फोटो 20 फरवरी की बताई जा रही है।

ट्रूडो ने कहा, 'स्पष्टत:, हमने इसे गंभीरता से लिया है। उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। जैसे ही हमें यह सूचना मिली हमने इसे खारिज किया, एक सांसद ने इस व्यक्ति को बुलाया था।'

इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी बड़ा बयान दिया है और कहा कि यह साफ नहीं है कि खालिस्तानी कार्यकर्ता को वीजा कैसे दिया गया।

रवीश कुमार ने कहा, 'इनकी मौजूदगी और वीजा दो पहलुएं हैं। कनाडा ने सफाई दी है कि आमंत्रण को रद्द किया गया है। वीजा के बारे में हमें जानकारी नहीं है कि यह कैसे हुआ। हमने अपने आयोग से सूचना प्राप्त की है।'

रवीश ने कहा, 'अब हम चीजों पर अनुमान न लगाएं और फैसला करें कि वह कैसे यहां आ गया। हम इसमें पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उसके भारत आने के कारणों का पता जल्द लग जाएगा।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा स्थित इस खालिस्तानी कार्यकर्ता पर 1986 में पंजाब के एक मंत्री की हत्या का प्रयास करने का आरोप है जिसे मुंबई और दिल्ली में ट्रूडो के लिए व्यवस्थित दो कार्यक्रमों के लिए उसे आमंत्रित किया गया था।

इसकी आलोचना के बाद कनाडा उच्चायोग नादिर पटेल ने जसपाल अटवाल के डिनर निमंत्रण को रद्द कर दिया है।

कनाडा उच्चायोग ने कहा, 'उच्चाआयोग ने अटवाल के निमंत्रण को रद्द कर दिया है। हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा मामले पर टिप्पणी नहीं करेंगे।'

कौन है जसपाल अटवाल...

जसपाल अटवाल भारतीय मूल का एक कनाडाई बिजनेसमैन है जो खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा हुआ है। इस खालिस्तानी कार्यकर्ता पर 1986 में पंजाब के एक मंत्री की हत्या का प्रयास करने का आरोप है

वह प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन अंतराष्ट्रीय सिक्ख युवा संघ (आईएसएफवाई) से जुड़ा हुआ था जिसे 2001 में गैरकानूनी गतिविधि निषेध कानून के तहत भारत ने आतंकवादी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बाद में इस संगठन पर अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा ने भी प्रतिबंध लगाया था।

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