कैग रिपोर्ट में खुलासा: आयकर विभाग को 95 फीसदी रियल एस्टेट कंपनियों के पैन और ITR की जानकारी नहीं
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग (आईटी) के पास रजिस्टर्ड कंपनियों का ब्यौरा ही नहीं है और रजिस्टर्ड कंपनियों के पैन और आयकर रिटर्न (आईटीआर) की कोई जानकारी नहीं है.
नई दिल्ली:
संसद में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) पेश रिपोर्ट में रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारिया सामने आई हैं. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग (आईटी) के पास रियल एस्टेट सेक्टर में रजिस्टर्ड कंपनियों का ब्यौरा ही नहीं है और अधिकांश रजिस्टर्ड कंपनियों के पैन और आयकर रिटर्न (आईटीआर) की कोई जानकारी नहीं है. साथ ही इसका पता लगाने के लिए आयकर विभाग के पास कोई तरीका भी नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट के लिए उपलब्ध 54,578 कंपनियों में 51,670 कंपनियों (करीब 95 फीसदी) के पैन की जानकारी उपलब्ध नहीं थी.
कैग की ऑडिट टीम ने साल 2014-17 की रियल स्टेट सेक्टर की असेसमेंट रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'आयकर विभाग के पास ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे वो सुनिश्चित कर सके कि रियल स्टेट कंपनियों के पास जो रजिस्टर्ड कंपनियां हैं उनके पास पैन कार्ड है या नहीं. यहां तक कि इन कंपनियों ने आईटीआर फाइल की है या नहीं, ये भी साफ नहीं है.'
कैग की ऑडिट टीम ने रियल स्टेट कंपनियों/बिल्डरों से जुड़ी टैक्स की जानकारी इकट्ठा करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी), रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (आरईआरए) से डेटा लिए. आरओसी के तहत 12 राज्यों में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी हजारों कंपनियों के पैन की जानकारी नहीं मिल पाई.
रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आरओसी के तहत पंजीकृत कुल 7,520 कंपनियों में 7,391 के पैन की जानकारी नहीं है. वहीं बिहार के 454 रजिस्टर्ड कंपनियों में किसी के पास भी पैन उपलब्ध नहीं है.
और पढ़ें : सलिल गुप्ते 18 मार्च से संभालेंगे अमेरिकी कंपनी बोइंग के इंडिया प्रमुख की जिम्मेदारी
इसके अलावा दिल्ली की 4,622 कंपनियों में 4,518 के पैन की जानकारी नहीं है, वहीं गुजरात की स्थिति भी बिहार की तरह पाई गई. गुजरात की 1,278 कंपनियों में एक भी कंपनियों ने पैन की जानकारी नहीं दी है.
कैग ने पाया कि आयकर विभाग के पास यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था कि उच्च मूल्य की अचल संपत्तियों के सभी विक्रेता आईटीआर भर रहे थे, प्रभावी नहीं थी. इसके अलावा आयकर विभाग ने रियल एस्टेट सेक्टर में अपना कर आधार बढ़ाने के लिए सर्वेक्षण टूल का प्रयोग प्रभावशाली रूप से नहीं किया था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य