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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 7,330 करोड़ की लागत से लगेंगे 4,072 मोबाइल टावर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और आम जनता के सशक्तीकरण के लिए 7,330 करोड़ रुपये की लागत से 4,072 अतिरिक्त मोबाइल टावर लगाने को मंजूरी दी है।

Updated on: 23 May 2018, 11:23 PM

नई दिल्ली:

सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई)से प्रभावित इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और आम जनता के सशक्तीकरण के लिए 7,330 करोड़ रुपये की लागत से 4,072 अतिरिक्त मोबाइल टावर लगाने को मंजूरी दी है।

मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी संवाददाताओं को देते हुए प्रसाद ने कहा, 'यह परियोजना का दूसरा चरण है। इस चरण में 10 राज्यों के 96 जिलों में 4,072 टावर स्थापित किए जाएंगे। प्रथम चरण में हमने सिर्फ 2जी कनेक्शन प्रदान किए थे, जिसमें सिर्फ कॉलिंग की सुविधा थी। दूसरे चरण में हम 4जी प्रदान करेंगे जिसके जरिए लोग कॉल करने के अलावा डाटा भी इस्तेमाल कर पाएंगे।'

उन्होंने कहा कि एलडब्ल्यूई की गतिविधियों पर लगाम लगाने में संचार काफी अहम है।

उन्होंने कहा, 'भारत के लिए सबसे खुशी का दिन होगा जब एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्रों के लोग सुरक्षा के लिए न सिर्फ 4जी और ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करेंगे बल्कि वे अपने सशक्तीकरण के लिए भी इसका इस्तेमाल करेंगे।'

इस परियोजना के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) से धन मुहैया करवाया जाएगा।

संचार मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गृह मंत्रालय द्वारा चिन्हित 4072 टॉवर लोकेशनों पर मोबाइल सेवा प्रदान करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) समर्थित योजना को अपनी स्वीकृति दे दी है।

इस नेटवर्क का इस्तेमाल वाम चरमपंथ (नक्सल) प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जाएगा।

यह परियोजना मोबाइल सेवाएं भी प्रदान करेगी ताकि संपर्क रहित आबादी वाले निवासियों की मदद की जा सके। इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा।

यह परियोजना डिजिटल मोबाइल संपर्क की उपलब्धता के साथ पिछड़े और वाम चरमपंथ प्रभावित क्षेत्र में ई-गवर्नेंस गतिविधियों को गति प्रदान करेगी।

एलडब्ल्यूई के पहले चरण में 2जी प्रौद्योगिकी चालित मोबाइल सेवा के लिए 4080.78 करोड़ रुपये की लागत से 2355 टॉवर लगाने का प्रावधान था। यह योजना अब पूरी होने वाली है।

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