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इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी होगी कम, इलैक्ट्रिफाइड रेलवे लाइन को मिली मंजूरी

इस परियोजना को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य जबलपुर और इंदौर के बीच की दूरी कम करना है. सरकार का दावा है कि इस परियोजना से जबलपुर और इंदौर के बीच की 68 किमी. की अतिरिक्त दूरी कम होगी.

Updated on: 19 Sep 2018, 06:29 PM

नई दिल्ली:

पीएम मोदी की अध्यक्षता में बनी आर्थिक मुद्दों की केंद्रीय कमेटी ने मध्यप्रदेश में इंदौर और बुधनी के बीच बिजली से चलने वाली रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना की कुल लागत 3 हजार करोड़ से भी ज्यादा है. सरकार की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा जो 29 लाख, 32 हजार दिन तक रहेगा. इस परियोजना को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य जबलपुर और इंदौर के बीच की दूरी कम करना है. सरकार का दावा है कि इस परियोजना से जबलपुर और इंदौर के बीच की 68 किमी. की अतिरिक्त दूरी कम होगी. 

इसके साथ ही यह मुंबई और इंदौर के बीच की दूरी भी कम करेगा. नसरूल्ला गंज, खांटेगांव और कनौड़ जैसे छोटे शहर जहां रेलवे कनेक्टिविटी नहीं है, इस परियोजना से उन शहरों को भी जोड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इन इलाकों में औद्दोगिक विकास के लिए आधारभूत ढांचे में भी विकास होगा.

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इस लाइन से बुधनी और इंदौर को सीधे जोड़ा जा रहा है, जो भोपाल-इटारसी के भीड़-भाड़ वाले इलाकों से गुजरेगी. सार्वजनिक सुविधा और सुरक्षा के लिए 10 नए क्रॉसिंग स्टेशन और 7 नए स्टॉप स्टेशन भी बनाए जाएंगे.