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सैफुद्दीन सोज, मेरा बस चलता तो बुरहान वानी को कभी मरने न देता

शुक्रवार को एक चैनल को दिए अपने बयान में कांग्रेस नेता सोज ने कहा कि अगर उनके बस में होता तो हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी को कभी मरने न देते।

Updated on: 07 Jul 2017, 02:41 PM

highlights

  • कांग्रेस नेता ने कहा हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के साथ बातचीत कर हल निकालता
  • पिछले वर्ष 8 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में बुरहान वानी मारा गया था

नई दिल्ली:

हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को लेकर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने विवादित बयान दिया है। शुक्रवार को एक चैनल को दिए अपने बयान में कांग्रेस नेता सोज ने कहा कि अगर उनके बस में होता तो हिजबुल मुजाहिद्दी के आतंकी बुरहान वानी को कभी मरने न देते।

उन्होंने कहा कि अगर हिजबुल आतंकी जिंदा होता तो वह उसके साथ बातचीत करते और हल निकालने का प्रयास करते।

एएनआई से बात करते हुए सैफुद्दीन सोज ने कहा, 'अगर मेरा बस चलता तो मैं बुरहान वानी को मरने ही नहीं देता। उसके साथ बातचीत करता। मैं उसे समझाने का प्रयास करता कि भारत, पाकिस्तान और कश्मीर के बीच दोस्ती के पुल को बांधने की कड़ी में वह अहम हिस्सा निभा सकता था। पर अब जब वह मर चुका है तो हमे जरुरत है कि हम कश्मीरियों के दर्द को समझें।'

बुरहान वानी के मारे जाने की सालगिरह के नजदीक आते ही कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।

वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का सबसे चर्चित चेहरा था। घाटी के अनंतनाग जिले में पिछले वर्ष 8 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में वानी मारा गया था।

बुरहान वानी के एनकाउंटर के विरोध में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर लोग इकठ्ठा हुए थे और लगातार 53 दिनों तक कर्फ्यू जारी रहा था। 

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वानी की मौत के बाद उपजे तनाव को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज फारूख, यासीन मलिक सरीखे अलगाववादी नेताओं को नजरबंद करने का आदेश दिया था।

इस वर्ष जून तक पाकिस्तान द्वारा प्रोत्साहित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयब्बा ने जम्मू कश्मीर में लगभग 22 हमले किए है। इन हमलों में 16 लोगों और 57 जवानों की मौत हुई है। वहीं सुरक्षाबलों ने 102 आतंकियों को मार गिराया गया है।

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