बुराड़ी में सुलझी 11 मौतों की गुत्थी! दिल्ली पुलिस का दावा मोक्ष के चक्कर में पूरे परिवार ने दे दी जान
दिल्ली में दिल दहला देने बुरारी हत्याकांड जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई है उस केस दिल्ली पुलिस ने सुलजाने का दावा किया है।
नई दिल्ली:
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की रहस्यमय तरीके से मौते के मामले को दिल्ली पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर पुलिस ने कहा है कि ईश्वर के प्रति धन्यवाद अर्पन करने की सोच और मोक्ष प्राप्ति की लालसा पूरे परिवार के मौत की वजह बनी।
पुलिस के मुताबिक,'यह सुसाइड ईश्वर के प्रति पूरे परिवार का धन्यवाद ज्ञापन था। ललित पिता की आत्मा के हवाले से परिवार को आदेश देता था जिससे भाटिया परिवार को काफी फायदा भी पहुंचा था। एक दुकान से उनकी 3 दुकान हो गई थी। मांगलिक लड़की की शादी भी तय हो गयी थी।'
इन सभी आधार पर पुलिस ने इस सामूहिक मौत के मामले को सुलझा लेने का दावा किया है।
इससे पहले पुलिस को भाटिया परिवार के घर से रजिस्टर के कुछ पन्ने मिले थे जिसको लेकर पुलिस ने कहा था कि इन्हीं पन्नों में पूरे परिवारे की मौत का रहस्य छिपा हुआ है। पुलिस के मुताबिक घर में दो नहीं, बल्कि कई रजिस्टर थे। रजिस्टर में लिखी बातें इशारा कर रही हैं कि परिवार के शख्स तंत्र-मंत्र और धर्मांध के शिकार थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि, मृतक ललित के पिता भोपाल सिंह भाटिया की 2007 में मौत हो गई थी। कहा जा रहा है कि ललित अपने पिता की आत्मा के संपर्क में था। वह उसके सपने में आते थे।
पुलिस की जांच में पता चला था कि ललित अपने पिता के सबसे करीब था। वह लगातार बोलता था कि पिता उसके सपनो में आते हैं। परिवार भी धीरे-धीरे ललित की बातों को मानने लगा। पूरा परिवार मृतक पिता की आस्था में अंधविश्वास के घेरे में घिरता चला गया, जो बाद में सबकी मौत का कारण बना।
हालांकि, बीते मंगलवार को ललित के भाई-बहन ने इन बातों का खंडन किया था।
पुलिस के मुताबिक, जो रजिस्टर मिले थे, उसके अधिकांश पन्नों में ललित और उसके सपनों में आए स्वर्गवासी पिता की बातचीत के अंश हैं। पुलिस को अभी तक 27-30 रजिस्टर मिले हैं, जो 2009 से लिखे जा रहे थे।
एक ही परिवार के जिन 11 लोगों की मौत हुई थी उसमें नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50) और ललित भाटिया (45) और दो बेटियां प्रतिभा (57) पिछले महीने सगाई हुई प्रियंका (33) के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं।
भाटिया परिवार के लोग पड़ोस में ही किराने की एक दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाते थे। नारायण देवी का सबसे बड़ा बेटा दिनेश भाटिया राजस्थान के कोटा में रहता है और एक बेटी सुजाता हरियाणा के पानीपत में रहती है।
पाइप का एंगल अंधविश्वास की तरफ कर रहा था इशारा
भाटिया परिवार के घर में लगे 11 'पाइपों' का एंगल भी लोगों के मन में कई सारे सवाल खड़े कर रहा था। गौरतलब है कि भाटिया परिवार के घर के बाहरी दीवार पर एक छोटे दायरे में 11 पाइप आसपास लगे पाए गए थे। इन पाइपों में से 7 पाइप सीधे और 4 मुड़े हुए थे।
वहीं मरने वालों में 7 महिलाएं और 4 पुरुष थे। ऐसा माना जा रहा है कि इन पाइपों का अंधविश्वास से भी कोई संबंध हो सकता है।
डायरी में छुपे थे मौत के राज़
मृतकों के घर से जो डायरी मिली है उसके एक पन्ने पर लिखा था, 'पट्टियां अच्छे से बांधनी है। शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए। सात दिन बाद पूजा लगातार करनी है। थोड़ी लगन और श्रद्धा से। कोई घर में आ जाए तो अगले दिन। गुरुवार या रविवार को चुनिए।'
इस तरह की बाते भी इशारा करती है कि परिवार किसी तंत्र-मंत्र के चक्कर में था।
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एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की गुत्थी
बुराड़ी के संतनगर में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया था जब एक घर में पड़ोसी ने एक साथ कई शवों को लटका देखा। संदिग्ध परिस्थितियों में एक ही परिवार के 11 सदस्यों को मरा पाया।
इनमें से कुछ की आंखों पर पट्टियां बंधी थीं और वे फंदे पर लटके हुए थे। घटना की जानकारी पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को दी। पुलिस जब घर के अंदर गई तो दो मंजिला घर के आंगन में चार पुरुषों और सात महिलाओं के शवों को देखा। मृतकों में तीन किशोर भी शामिल थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश खुराना ने कहा, 'मरने वालों में से कुछ बरामदे में लगे रोशनदान की छड़ों में लगे फंदे से लटके पाए गए, जबकि अन्य फर्श पर पड़े पाए गए। इनकी आंखों पर पट्टियां बंधी थी और हाथ-पैर भी बंधे हुए थे।'
दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी पहुंच गए घर, तब हुआ खुलासा
मरने वालों में दो भाई भूपिंदर (किराने की दुकान का मालिक) और प्लाइवुड स्टोर चलाने वाले ललित सिंह शामिल हैं।
खुराना ने कहा, 'दुकान रोजाना सुबह छह बजे खुल जाती थी लेकिन जब आज सुबह 7.30 बजे तक दुकान नहीं खुली तो एक पड़ोसी दूध खरीदने के लिए गया। पड़ोसी ने घर का दरवाजा खुला पाया, जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी।'
लोगों ने सामूहिक आत्महत्या मानने से किया इनकार
एक पड़ोसी ने इसे सामूहिक आत्महत्या का ममाला मानने से इनकार करते हुए कहा कि ललित और भूपिंदर बहुत दोस्ताना व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, 'मैंने कल रात भूपिंदर से बात की थी। वह बहुत खुश थे और कहीं से तनाव में नहीं लग रहे थे।'
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