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बजट 2017: जानें मोदी सरकार के चौथे बजट में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा

इस बजट में कई ऐसी चीजें हैं जो जिसे खरीदने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है।

Updated on: 02 Feb 2017, 09:20 AM

highlights

  • एलईडी लैंप, सौर पैनल और फिंगर प्रिंट मशीन हुआ सस्ता
  • चांदी के सिक्के, सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला हुआ महंगा

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017 का आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में कई ऐसी चीजें हैं जो जिसे खरीदने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। बजट 2017 में कई ऐसी चीजें हैं जो सस्ती भी हुई हैं। बजट में क्या सस्ता हुआ है और क्या महंगा जानने के लिए आगे पढ़ें।

जेटली ने बुधवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि उत्पाद एवं सीमा शुल्क पर उनके प्रस्तावों से सरकारी खजाने को कोई खास लाभ या हानि नहीं होगी।

सस्ते हुए सामान : एलईडी लैंप, सौर पैनल, मोबाइल फोन के लिए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, माइक्रो एटीएम, फिंगर प्रिंट मशीन, आइरिस स्कैनर।

महंगे हुए सामान : चांदी के सिक्के, सिगरेट, तंबाकू, बीड़ी, पान मसाला, पार्सल के जरिए आयातित सामान, वाटर फिल्टर मेंब्रेन और काजू।

जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा, "केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के जरिए केंद्र सहकारी संघवाद की भावना से समझौता किए बिना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लक्ष्य को हासिल करना जारी रखेगा।"

उन्होंने कहा, "जीएसटी लागू होने से केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक कर मिल सकता है क्योंकि इससे कर का दायर बढ़ेगा। मैंने उत्पाद एवं सेवा कर के मौजूदा ढांचे में अधिक बदलाव नहीं करना पसंद किया क्योंकि इनके बदले जल्द ही जीएसटी लागू होने वाला है।"

आजादी के बाद पहली बार आम बजट के साथ रेलवे बजट में 22 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की। वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए 1.35 लाख करोड़ रुपयों की मंजूरी दी।

पिछले दो साल में रेलवे के बजट में जबर्दस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। साल 2014-15 में 65,000 करोड़ से से बढ़कर पिछले साल यह 1,00,011 करोड़ तक पहुंचा था।

जेटली ने स्वच्छ भारत अभियान पर जोर देते हुए कहा, 'रेलवे द्वारा 'क्लीन माय कोच' नाम से एसएमएस आधारित सेवा शुरू की गई है और सभी रेलगाड़ियों में साल 2019 तक बायो टॉयलट होंगे।'

वित्त मंत्री ने रेलवे ई-टिकटों के लिए सेवा शुल्क समाप्त करने की भी घोषणा की। इसके तहत अब इंटरनेट से टिकट बुक करने पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगेगा।

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केंद्र सरकार के चौथे बजट को शेयर बाजार ने शानदार सलामी दी, और सेंसेक्स निफ्टी कारोबार के अंत में 1.75% चढ़ कर बंद हुए। बजट में इनकम टैक्स की छूट का दायरा बढ़ने और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में कोई बदलाव नहीं होने से बाजार ने तेज दौड़ लगाई।

तेज़ी के इस माहौल में बजट पेश होते ही सेंसेक्स 200 अंक ऊपर चढ़ गया और ज़बरदस्त ख़रीददारी के माहौल में 500 अंक छूने तक सफल रहा। वहीं निफ्टी में तेज़ी का दौर जारी रहा और निफ्टी 8700 के स्तर का स्तर पार कर गया।

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आजादी के बाद पहली बार एक फरवरी को पेश हुआ। इससे पहले साल 2016 तक आम बजट और रेल बजट फरवरी के आखिरी हफ्ते में पेश होता था। बजट पेश होने की कड़ी में सबसे पहले रेल बजट फिर आर्थिक सर्वे और उसके बाद केंद्रीय बजट संसद में पेश होता था।

बजट में पहली बार राजनितिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की सीमा में कटौती की गयी है। पहले 20 हज़ार रूपये तक मिले चंदे देने पर कोई हिसाब नहीं देना होता था लेकिन अब इसकी सीमा घटाकर मात्र दो हजार रूपये कर दी गई है। अब 2 हजार से ज्यादा के चंदे का रिकार्ड देना होगा।