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बजट सत्र : संसद में कांग्रेस का जवाबी पलटवार, कहा - गेम चेंजर नहीं, नेम चेंजर है मोदी सरकार

बजट सत्र के दौरान संसद के ऊपरी सदन में कांग्रेस जहां बीजेपी के प्रेसिडेंट और हाल ही में सांसद बने अमित शाह ने अपने पहले भाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, तो कांग्रेस ने भी जवाबी पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

Updated on: 05 Feb 2018, 06:35 PM

highlights

  • बजट सत्र के दौरान संसद के राज्यसभा में बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
  • जवाबी पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार बस यूपीए की योजनाओं के नाम बदल रही है

नई दिल्ली:

बजट सत्र के दौरान संसद के ऊपरी सदन में कांग्रेस जहां बीजेपी के प्रेसिडेंट और हाल ही में सांसद बने अमित शाह ने अपने पहले भाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, तो कांग्रेस ने भी जवाबी पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शाह की तरफ से केंद्र सरकार की गिनाई हुई उपबलब्धियों को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में सभी योजनाएं यूपीए सरकार की ही चल रही हैं। हालांकि फर्क बस इतना है कि उनका नाम अब बदल दिया गया है।

आजाद ने कहा, '1985 के बाद से यूपीए शासनकाल के दौरान लॉन्च की गई सभी योजनाओं के नाम को बदल दिया गया है। इसलिए मैं कहता हूं कि यह सरकार गेम चेंजर नहीं, बल्कि नेम चेंजर है।'

मोदी सरकार को 70 सालों में सबसे कमजोर सरकार बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार विपक्ष के नेताओं के फोन टैप करवा रही है और उसने पूरे विपक्ष को आतंकवादी बना दिया है।

उन्होंने कहा, 'हमारे वक्त में तो आतंकवादियों के फोन टैप किए जाते थे। आज हमारे फोन टैप किए जा रहे हैं। आपने तो हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी बना दिया। विपक्ष को आतंकवादी बना दिया।'

अमित शाह ने दिया पहला भाषण

गौरतलब है कि पहली बार संसद पहुंचे बीजेपी के नैशनल प्रेसिडेंट अमित शाह ने आप राज्यसभा में पहला भाषण देते हुए मोदी सरकार के उस बयान का जमकर बचाव किया, जिसमें उन्होंने पकौड़े बेचे जाने को रोजगार बताया था।

शाहन ने कहा कि पकौड़ा बेचना शर्मनाक नहीं है लेकिन इसकी तुलना भीख मांगने से करना शर्मनाक है।

शाह ने इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए गए अपने भाषण में उन्होंने बेरोजगारी पर भी अपनी बात रखी।

शाह ने कहा कि पकौड़े बेचना बेरोजगार रहने से ज्यादा बेहतर है।

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उन्होंने कहा, 'कुछ लोग पकौड़ा बेचने के बारे में कई बातें कह रहे हैं। मैंने भी पी. चिदंबरम का ट्वीट पढ़ा। हां, मेरा मानना है कि बेरोजगार रहने से ज्यादा बेहतर पकौड़ा बेचना है।'

अमित शाह ने कहा, 'पकौड़ा बनाना व बेचना शर्म की बात नहीं है, लेकिन इसकी तुलना भीख मांगने से करना निश्चिय ही शर्मनाक है।'

उन्होंने विपक्ष के शोरगुल के दौरान कहा, 'आज यदि एक व्यक्ति पकौड़ा बेचकर अपना जीविकोपार्जन कर रहा है तो आने वाले कल में उसका बेटा एक बड़ा उद्योगपति बन सकता है। एक चाय विक्रेता का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र से पहले एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि जो लोग पकौड़ा बेचकर रोजाना 200 रुपये कमा रहे हैं, उन्हें रोजगार संपन्न मना जा सकता है।

पहले भाषण में कांग्रेस पर हमलावर रहे शाह

मोदी के इस बयान की विपक्ष ने कड़ी निंदा की। विपक्ष ने कहा कि यह एक क्रूर मजाक है और यह भीख मांगने को भी रोजगार बताने जैसा है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था, 'प्रधानमंत्री यदि पकौड़ा बेचने को नौकरी कहते हैं, तो उसी तर्क से भीख मांगना भी एक नौकरी है। इस तरह सभी गरीब व अक्षम व्यक्तियों की गणना रोजगार कर रहे व्यक्ति के रूप में की जाए, जो जीविका के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं।'

शाह ने कांग्रेस के 55 साल के शासन को व्यापक रूप से बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया।

अमित शाह ने कहा कि देश में 55 साल कांग्रेस की सरकार थी। हम सात-आठ साल सत्ता में रहे है। यह समस्या (बेरोजगारी) ज्यादा भयावह नहीं हुई होती यदि 55 सालों के दौरान प्रभावी कदम उठाया गया होता।

अमित शाह ने कहा, 'यह याद करना उचित होगा कि 2013 में क्या परिस्थितियां थीं। यहां तक कि सीमा पर सुरक्षा करने वाले जवान भी सरकार की दुविधा की स्थिति की वजह से अपने वीरता का प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। पूरी तरह से नीतिगत अक्षमता व्याप्त थी।'

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