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बजट 2018: मनमोहन सिंह बोले, 2022 तक किसानों की दोगुनी आमदनी असंभव

किसानों की आय दोगुनी करने के दावों को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खारिज करते हुए कहा है कि जब तक कृषि विकास दर 12 प्रतिशत नहीं हो जाती, 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होना संभव नहीं है।

Updated on: 02 Feb 2018, 12:20 PM

highlights

  • मनमोहन सिंह ने कहा, 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होना संभव नही
  • सिंह ने कहा, जकोषीय घाटा बढ़ रहा है, ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने वादे कैसे पूरे करती है

नई दिल्ली:

किसानों की आय दोगुनी करने के दावों को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खारिज करते हुए कहा है कि जब तक कृषि विकास दर 12 प्रतिशत नहीं हो जाती, 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होना संभव नहीं है।

मनमोहन सिंह ने कहा, 'सरकार का कहना है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक की कृषि विकास दर 12 प्रतिशत न हो जाए। यह सिर्फ एक खोखला आश्वासन है।'

विपक्षी दलों की नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मनमोहन सिंह के हवाले से कहा, 'राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है, ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने वादे कैसे पूरे करती है।'

सिंह ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'मैं नहीं समझता कि मैं यह कह सकता हूं कि यह बजट चुनावों में फायदा हासिल करने की मंशा से पेश किया गया है, लेकिन मुझे इस बात की चिंता है कि वित्तीय अंकगणित में कुछ गड़बड़ है।'

आपको बता दें कि कृषि व ग्रामीण क्षेत्र को ज्यादा महत्व देने की उम्मीदों के अनुरूप केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में अधिसूचित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना करने की घोषणा की, जोकि पिछले साल के मुकाबले पांच फीसदी ज्यादा होगा।

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जेटली ने कहा कि सरकार कृषि, आजीविका और ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचागत विकास पर ज्यादा खर्च करेगी और खेती में उच्च साख के लक्ष्यों का निर्धारण करने के साथ-साथ फसल बीमा, ग्रामीण सड़क, सिंचाई के लिए कोष में बढ़ोतरी करेगी।

सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि व ग्रामीण विकास पर 2,01,933 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन पर जोड़ दिया है।

कृषि व ग्रामीण विकास पर बजटीय आवंटन में पिछले साल के क्रमश: 56,589 करोड़ और 1,35,604 करोड़ रुपये को बढ़ाकर क्रमश: 63,836 करोड़ और 1,38,097 करोड़ रुपये कर दिया है।

खराब हो जाने वाली वस्तुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए मंत्री ने ऑपरेशन ग्रीन लांच करने का प्रस्ताव रखा है जिस पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), एग्री लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधा व पेशेवर प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा।

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