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बजट 2017: एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' को कितनी मिलेगी तवज्जो?

एनडीए सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को कितनी तवज्जों मिलेगी आम बजट 2017 में। साल 2023 तक पटरी पर दौड़ने की कोशिश में लगी बुलेट ट्रेन परियोजना पर ज़मीनी स्तर पर काम 2018 तक ही शुरु हो पाएगा।

Updated on: 31 Jan 2017, 04:58 PM

नई दिल्ली:

बुलेट ट्रेन का सपना पाले एनडीए सरकार बजट 2017 में इसे कितनी तवज्जो देती है यह देखने वाली बात होगी। चीन और जापान से कदमताल करने को आतुर भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है। सरकार के इस ख़ास सपने को साकार होने में हालांकि अभी काफी समय लगने वाला है। 

ख़ुद सरकार के मुताबिक पहली बुलेट ट्रेन देश में साल 2023 तक ही पटरी पर दौड़ पाएगी। पहले फेज़ की बुलेट ट्रेन को दौड़ाने के लिए सरकार 97 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज जापान से ले रही है। 

ख़ास यह है कि इस 'ड्रीम प्रोजेक्ट' के लिए ज़मीनी स्तर पर काम 2018 अंत तक ही शुरु हो पाएगा और इसके लिए सरकार अब तक सिर्फ 200 करोड़ रुपये ही आवंटित कर पायी है। 

सरकार की योजना पहले फेज़ में बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद कॉरीडोर पर दौड़ाने की है। जबकि दूसरे चरण में बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी रुट पर चलाने की कोशिश है।

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क्या है बुलेट ट्रेन योजना देखिए एक नज़र में-

मुंबई-अहमदाबाद प्रोजेक्ट

मोदी सरकार की योजना देश में चीन और जापान की तर्ज पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने की है। पहली बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई-अहमदाबाद प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।97 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए मोदी सरकार जापान इंटरनेश्नल को-ऑपरेशन एजेंसी यानि जेआईसीए से 0.1% ब्याज दर से कर्ज ले रही है।

मुख्य बातें: 

  • मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट पर करीब 97,636 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • योजना के लिए जापान भारत को 50 साल के लिए 0.1 फीसदी के इंटरेस्ट पर 90 हजार करोड़ रुपए का लोन दे रहा है।
  • मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किमी और ऑपरेटिंग स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
  • 508 किलोमीटर लंबे इस रूट पर 21 किलोमीटर की अंडरवाटर टनल भी बनाई जाएगी। यह ठाणे क्रीक से विरार तक होगी।
  • सरकार जल्दी ही लोन एग्रीमेंट संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश में है।
  • लोन एग्रीमेंट के तहत बुलेट ट्रेन के लिए पावर सिस्‍टम भी जापान से ही इम्पोर्ट किए जाएंगे।

लेकिन इसमें पेच यह है कि राज्य इस योजना में हिस्सेदारी के लिए झिझक रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से मिलने वाले 79,087 रुपये कर्ज का गारंटर बनने के प्रस्ताव पर अनिच्छा जताई है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की ही सरकार है। बावजूद इसके राज्य सरकार केंद्र सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना में हिस्सेदारी से बच रही है। इसका कारण यह है कि महाराष्ट्र पहले से ही कर्ज तले दबा है।

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दिल्ली-वाराणसी रुट

  • अगर पहली बुलेट ट्रेन देश में रेल की पटरियों पर सरपट दौड़ पाई तो बुलेट ट्रेन की अगली राह होगी दिल्ली-वाराणसी रुट।
  • इस रुट पर 782 किमी की दूरी सिर्फ ढाई घंटे में पूरी होगी।
  • दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ और सुल्तानपुर से गुजरेगी।
  • इस रूट पर दौड़ने वाली ट्रेन करीब 10-14 घंटे का समय ले लेती हैं।
  • यह ट्रेन लखनऊ होते हुए वाराणसी जाएगी।
  • इस कॉरिडोर के लिए सरकार स्पेनिश फर्म से बात कर रही है।
  • इस रुट पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने की लागत करीब 43,000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

इसके अलावा मोदी सरकार के एजेंडे में दिल्ली-कोलकाता रुट पर भी बुलेट ट्रेन की योजना शामिल है। दिल्ली-कोलकाता रुट पर भी करीब 84,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।

पहली बुलेट ट्रेन के लिए सरकार 200 करोड़ रुपये अलॉट कर चुकी है। सरकार की योजना इन रुट्स के अलावा अन्य मेट्रो शहरों को भी हाई स्पीट रेल नेटवर्क यानि बुलेट ट्रेन से जोड़ने की है लेकिन अभी इसमें समय लगेगा।

कागज़ों पर इस परियोजना के लिए काम शुरु हो चुका है लेकिन ग्राउंड लेवल पर काम 2018 तक ही शुरु हो पाएगा। यानि कि बुलेट ट्रेन में सफर करने का लुत्फ उठाने के लिए 2023 तक इंतज़ार करना होगा क्योंकि देश की पहली बुलेट ट्रेन साल 2023 तक ही पटरियों पर दौड़ पाएगी।

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