logo-image

बीजेपी का अन्याय जारी रहा, तो बौद्ध धर्म अपना लूंगी : मायावती

मायावती ने कहा, अगर बीजेपी दलितों, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों के खिलाफ अपनी मानसिकता में बदलाव नहीं करती है तो उन्हें मजबूरी में भीमराव अंबेडकर की तरह बौद्ध धर्म अपनाना पड़ेगा।

Updated on: 24 Oct 2017, 09:18 PM

highlights

  • मायावती ने कहा कि अगर बीेजपी ने दलितों और दबे-कुचले लोगों को सताना बंद नहीं किया, तो वह समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपना लेंगी
  • मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश में अपनी छोटी-छोटी उपलब्धि बता रहे हैं, लेकिन अपने किसी भी वायदे को पूरा नहीं किया

नई दिल्ली:

बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आजमगढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आड़े हाथों लिया।

मायावती ने कहा, अगर बीजेपी दलितों, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों के खिलाफ अपनी मानसिकता में बदलाव नहीं करती है तो उन्हें मजबूरी में भीमराव अंबेडकर की तरह बौद्ध धर्म अपनाना पड़ेगा।

पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, 'मैं बीजेपी को जातिवाद और सांप्रदायिकता वाली सोच को बदलने की खुली चुनौती देती हूं, जिसमें दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग के लोगों के अलावा वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया है। अगर नहीं तो मैं भी बौद्ध धर्म अपना लूंगी।'

और पढ़ें: वसुंधरा ने नौकरशाहों के संरक्षण संबंधी विधेयक सेलेक्ट कमेटी को भेजा

इस दौरान मायावती ने अंबेडकर को याद करते हुए कहा, 'हिंदू धर्म में वर्ण व्यवस्था का सामना करने के बाद उन्होंने शंकराचार्य से मुलाकात कर इसे बदलने की अपील की थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और इस वजह से उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिनों पहले नागपुर में बौद्ध धर्म अपना लिया।'

उन्होंने कहा कि केंद्र और उप्र सहित देश के कई राज्यों में भाजपा आरएसएस की विचारधारा को लागू करने में लगी है। वह हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है और दलित व मुसलमानों को प्रताड़ित कर रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नए भारत के निर्माण की बात कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा कैसा नया भारत बनाएगी, अंदाजा लगाया जा सकता है।

मायावती ने सहारनपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, 'शब्बीरपुर गांव में सोची-समझी साजिश के तहत भाजपा ने दलितों के बीच संघर्ष कराया और मेरी हत्या की साजिश की, ताकि मेरे साथ ही बसपा का सफाया हो जाए। लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए।'

और पढ़ें: नोटबंदी 'स्कैम ऑफ सेंचुरी', 8 नवंबर को 18 विपक्षी दल मनाएंगे काला दिवस- कांग्रेस

दलितों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकीं मायावती ने कहा, 'जब मैंने राज्यसभा में तथ्यों के साथ बात रखी, तो सत्ता पक्ष के लोगों ने शोरगुल किया और मुझे बोलने नहीं दिया। इस वजह से मुझे 18 जुलाई को राज्यसभा की सदस्य पद से इस्तीफा देना पड़ा। जब हम देश की सबसे बड़ी संस्था में गरीब और दलितों के हित की बात नहीं रख सकते तो मेरे लिए राज्यसभा में बने रहने का औचित्य नहीं था।'

मायावती ने कहा कि मोदी विदेश में अपनी छोटी-छोटी उपलब्धि बता रहे हैं। लेकिन अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया।

उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी का जिक्र किया और कहा, 'भाजपा लोकसभा चुनाव में वोट बैंक को मजबूत करने के लिए फिर से सर्जिकल स्ट्राइक का नाटक कर सकती है। चुनाव से पहले भाजपा सांठगांठ से दाऊद को इब्राहिम को भारत ला सकती है। हमें भाजपा के फर्जी दावों में नहीं पड़ना है। हम लोगों को भाजपा के झांसे से बाहर लाएंगे। भाजपा के लिए अब आने वाले दिन अच्छे नहीं हैं।'

और पढ़ें: सितंबर महीने में सरकार को GST से मिले 92,150 करोड़ रुपये, अगस्त के मुकाबले हुई बढ़ोतरी

मायावती ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के बहकावे में आकर आप भाजपा को वोट मत देना।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'योगी पूर्वाचल का विकास तब करेंगे जब उन्हें फुर्सत मिलेगी। वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और चित्रकुट में कितनी भी पूजा कर लें धर्म के सहारे भी जीत नहीं होगी। अयोध्या में राम मंदिर बनने से किसी भी दलित का विकास नहीं होगा। दलितों के लिए भगवान बाबा साहेब अंबेडकर ही हैं।'