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महाराष्ट्र के इन मंत्रियों की कुर्सी खतरे में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस; जानिए क्यों

16 जून को राधाकृष्णन विखे पाटिल, जयदत्त क्षीरसागर और अविनाश महातेकर ने महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे.

Updated on: 24 Jun 2019, 05:23 PM

highlights

  • महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्रियों को नोटिस
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस
  • दलबदल कानून के मुताबिक रद्द हो सकती है सदस्यता 

नई दिल्ली:

बॉम्बे हाई कोर्ट ने राधाकृष्ण विखे पाटिल, जयदत्त क्षीरसागर और अविनाश महातेकर को नोटिस जारी किया है. आपको बता दें कि इन नेताओं ने अभी हाल में ही महाराष्ट्र के कैबिनेट विस्तार में मंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसके बाद कोर्ट ने उनसे चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. इन नेताओं के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद यह याचिका सुरेंद्र अरोड़ा, संजय काले और संदीप कुलकर्णी ने दायर की थी. इनका कहना था कि इन मंत्रियों को संविधान के अनुसार दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराया जाना चाहिए.

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आपको बता दें कि 16 जून को राधाकृष्णन विखे पाटिल, जयदत्त क्षीरसागर और अविनाश महातेकर ने महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे. महाराष्ट्र विधानसभा में हाल के समय तक नेता प्रतिपक्ष रहे विखे पाटिल को रविवार को देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट में आवासीय मंत्री बनाया गया था जिसके बाद वह हाल में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. इन नेताओं के मंत्री बनाये जाने को लेकर बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जारी किया नोटिस. हाई कोर्ट ने इन नेताओं को नोटिस का जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है.

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इस याचिका का न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ के सामने उल्लेख किया गया था जिसमें राकांपा से शिवसेना में शामिल जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (ए) के अविनाश महातेकर को मंत्री बनाये जाने को भी चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं सुरेंद्र अरोड़ा, संजय काले और संदीप कुलकर्णी ने कहा कि मंत्रियों को संविधान के अनुसार दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराया जाना चाहिए और उनकी छह महीने के अंदर निर्वाचित होने की भी कोई मंशा नहीं है.

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