प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मपुत्र पर बोगीबील पुल का किया उद्धाटन, जवानों के आवागमन में आयेगी तेजी
प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के निकट मोहनबारी हवाईअड्डे पर पहुंचे और हेलीकॉप्टर से बोगीबील के लिए रवाना हुए. असम के राज्यपाल जगदीश मुखी व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हवाईअड्डे पर मोदी का स्वागत किया.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के निकट मोहनबारी हवाईअड्डे पर पहुंचे और हेलीकॉप्टर से बोगीबील के लिए रवाना हुए. असम के राज्यपाल जगदीश मुखी व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हवाईअड्डे पर मोदी का स्वागत किया. धेमाजी व डिब्रूगढ़ को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन करते हुए मोदी व उनका जुलूस पुल से गुजरा. पुल के मध्य में रुक कर मोदी ने दोनों तरफ इंतजार में खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
इस पुल की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है. इस पुल से असम व अरुणाचल प्रदेश में रह रहे करीब 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है और इससे खासतौर से जवानों के आवागमन में तेजी सुनिश्चित होने से देश की रक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा ने रखी थी. इसका निर्माण कार्य अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान 2002 में शुरू हुआ.
यह पुल असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा से करीब 20 किमी दूर स्थित है और ऐसे इसके तेजपुर में कोलिया भोमोरा सेतु के विकल्प के तौर पर कार्य करने की उम्मीद है.
क्यों ख़ास है यह पुल
देश का सबसे लंबा पुल असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ेगा. बोगीबील रेल और रोड ब्रिज पर दो समांतर रेल लाइनें है. सबसे खास बात ये है कि रेल के पुल के ऊपर ही सड़क पुल है. असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल की लंबाई 4.94 किलोमीटर है. इस पुल को बनाने में 5800 करोड़ रुपये की लागत आई है.
इसके साथ ही इस पुल को बनाने में 77000 मेट्रिक टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है. यह पुल देशवासियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है. इस पुल के बनने से टाइम की भरपूर बचत होगी. इसका मतलब है कि 15 से 20 घंटे के तुलना में अब साढ़े पांच घंटे में दूरी तय करने में समाय लगेगा. पहले यात्रियों को कई रेल बदलनी पड़ती थी लेकिन अब इससे उन्हें राहत मिलेगी. पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता नितिन भट्टाचार्य ने इस बात की जानकारी दी.
यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं. इससे ईटानगर के लोगों को भी फायदा मिलेगा क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है. इस ट्रेन के रूट से असम के साथ अरुणाचल लखीमपुर, धेमाजी के लोगों को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही नागालैंड , अरुणाचल , उत्तरी असम के आर्थिक विकास में यह पुल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
इस पुल की परियोजना को 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने मंज़ूरी दी थी. इस पुल का निर्माण अप्रैल 2002 में शुरू हुआ. उस वक्त भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शिलान्यास किया था. पिछले 21 सालों से अपर्याप्त फंड, तकनीकी अड़चनों के कारण पुल के निर्माण में बाधा पहुंची. कई बार विफल होने के कारण इस साल एक दिसंबर को इस पुल से पहली मालगाड़ी गुजरने के साथ निर्माण पूरा हुआ. ब्रहमपुत्र नदी पर बना ये पुल कुल 42 खम्बो पर टिका हुआ है, जिन्हे नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है. यह पुल 8 तीव्रता का भूकंप झेलने की क्षमता रखता है.
1962 जैसा धोखा भारत न मिले इस लिहाज़ से यह पुल काफी अहम है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए भारत पर हमला कर दिया था. . इस युद्ध के दौरान अगर चीन असम की तरफ रुख़ करता तो भारत के पास असम में ब्रहम्पुत्र के उत्तर के इलाकों को बचा पाने का कोई भी रास्ता नहीं था. क्योंकि चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उन इलाकों तक पहुंचना ही मुश्किल था. ऐसे में भारत चीन पर पैनी नज़र रख हर हरकत पर लगाम कसेगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Alia Bhatt: टाइम मैग्जीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में आलिया भट्ट ने किया टॉप, खुश हुए फैंस
-
Raveena Tandon On Payment: बॉलीवुड में एक्ट्रेस की फीस को लेकर रवीना टंडन का खुलासा, एक फिल्म से मालामाल हो जाते थे हीरो
-
Bollywood On Ram Lalla Surya Tilak: राम लला के सूर्य तिलक पर झूमे बॉलीवुड स्टार्स, देखें रिएक्शन
धर्म-कर्म
-
Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें सही तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त
-
Ram Navami 2024: सोने-चांदी के आभूषण, पीले वस्त्र.... राम नवमी पर रामलला को पहनाया गया सबसे खास वस्त्र
-
Ram Lalla Surya Tilak: इस तरह हुआ राम लला का सूर्य तिलक, इन 9 शुभ योग में हुआ ये चमत्कार
-
Ram Lalla Surya Tilak Types; राम लला को कितनी तरह के तिलक किए जाते हैं ,जानें उनका महत्व