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कालेधन पर बड़ी कामयाबी, स्विस सरकार भारत को देगी खातों की जानकारी

स्विट्ज़रलैंड की महत्वपूर्ण संसदीय समिति ने कालेधन पर बैंकिंग की सूचनाओं के आदान-प्रदान संबंधी भारत के प्रस्ताव को हरी झड़ी दिखाकर मंजूरी दे दी है।

Updated on: 20 Nov 2017, 10:33 AM

नई दिल्ली:

कालेधन के खिलाफ मुहिम में भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है स्विट्ज़रलैंड की महत्वपूर्ण संसदीय समिति ने कालेधन पर बैंकिंग की सूचनाओं के आदान-प्रदान संबंधी भारत के प्रस्ताव को हरी झड़ी दिखाकर मंजूरी दे दी है

इसके तहत भारत सरकार को स्विस बैंक में भारतीयों के खातों के बारे में जानकरी मिल सकेगी। स्विट्ज़रलैंड संसद के उच्च सदन की आर्थिक और टैक्स मामलों की एक समिति ने भारत के साथ अन्य 40 देशों के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इसके साथ समिति ने व्यक्तिगत कानूनी दावों के प्रावधान को मजबूत करने का भी सुझाव दिया है समिति ने यह भी सुनिश्चति करने के लिए कहा है कि अगर किसी मामले में व्यक्तिगत दावे के आवश्यक कानूनी अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो उनमें सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं होना चाहिए।

प्रस्ताव अब 27 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में स्विस संसद के उच्च सदन के सामने रखा जाएगा

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इस करार में जिन सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है उनमें खाता संख्या, नाम, पता, जन्म की तारीख, कर पहचान संख्या, ब्याज, लाभांश, बीमा पालिसियों से प्राप्ति, खाते में शेष और वित्तीय परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्ति शामिल है।

यह व्यवस्था कुछ इस तरीके से काम करेगी। अगर किसी भारतीय का स्विस बैंक में खाता है तो संबधित बैंक वहां के अधिकारीयों को खाते का वित्तीय ब्योरा देगा। इसके बाद स्विस अधिकारी इन सूचनाओं को भारत में समकक्षों को स्थानांतरित करेंगे जो कि उसकी जांच करेंगे।

यह करार 2019 से लागू होगा और भारत के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान भी अगले साल से शुरू हो जाएगा।

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