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'कड़कनाथ' मुर्गे से बदली रही है दंतेवाड़ा के लोगों की किस्मत, 3 लाख तक सालाना कमाई

नक्सली हमलों के लिेए कुख्यात रहा छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा आजकल मुर्गे के एक खास प्रजाति की वजह से चर्चा में है। मुर्गे के इस खास प्रजाति का नाम कड़कनाथ है।

Updated on: 16 Apr 2018, 09:04 PM

नई दिल्ली:

नक्सली हमलों के लिेए कुख्यात रहा छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा आजकल मुर्गे की एक खास प्रजाति की वजह से चर्चा में है। मुर्गे के इस खास प्रजाति का नाम कड़कनाथ है।

इस मुर्गे को बेचकर वहां के किसान और महिलाएं लाखों रुपये कमा रही हैं। इस काम में उनकी मदद कर रहा है कृषि विज्ञान केंद्र जो उन्हें इस मुर्गे की प्रजाति को विज्ञान की मदद से कम समय में ज्यादा से ज्यादा संख्या में बढ़ाने में मदद कर रहा है।

कड़कनाथ मुर्गे का व्यापार करने वाली एक महिला ने कहा, हमने बीते साल मई महीने में इस मुर्गे को बेचने का काम शुरू किया। बीते 8 महीने में 300 से ज्यादा कड़कनाथ मुर्गा बेचकर 3 लाख रुपये तक कमा चुकी हूं।

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जाहिर तौर दंतेवाड़ा जैसे पिछड़े और नक्सल प्रभावित इलाके में ऐसी मुहिम गांव में रह रहे लोगों को आर्थिक तौर पर संपन्न बनाएगी।

कड़कनाथ मुर्गा क्यों मिलता है इतना महंगा

कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा मुख्य तौर पर मध्य प्रदेश के झबुआ और धार जिले में पाया जाता है। चूकी इस मुर्गे में काफी ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और वसा बेहद कम होता है इसलिए इसे मानव शरीर के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि इस प्रजाति के मुर्गों की कीमत आम मुर्गे के मुकाबले ज्यादा होती है।

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