बीजेपी बंगाल में भी चाहती है एनआरसी, उठे रहे हैं विरोध के स्वर
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशित होने के बाद हुए विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी कराए जाने के पक्ष में है।
कोलकाता:
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशित होने के बाद हुए विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी कराए जाने के पक्ष में है। पार्टी ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद वह राज्य में एनआरसी प्रकाशित कर अवैध बांग्लादेशियों को देश से निकाल देगी। बीजेपी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भगवा पार्टी के दावों में कोई आधार नहीं देखते।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की अगुआई वाले वाम मोर्चे ने बीजेपी के रुख को आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सांप्रदायिक विघटन करने की चाल बताते हुए इसे नकार दिया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और राज्य समीक्षक कैलाश विजयवर्गीय सहित बीजेपी के विभिन्न नेताओं ने असम के एनआरसी का जमकर समर्थन किया है और बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि बंगाल में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी नागरिकों को निकालने के लिए यहां इसकी जरूरत है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता में पिछले महीने एक जनसभा में ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार पर हमले शुरू करते हुए उन पर अवैध घुसपैठियों को यहां रहने की अनुमति देकर वोट बैंक के तौर पर उनका उपयोग करने का आरोप लगाते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
घोष ने कहा, 'एक बार सत्ता में आने के बाद हम बंगाल में एनआरसी लागू करेंगे। अवैध रूप से यहां बसे सभी लोगों को वापस जाना होगा। बंगाल की वर्तमान सरकार घुसपैठियों के अधिकारों के लिए बहुत चिंतित है लेकिन आपके अपने लोगों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा का क्या होगा। हमारी यही प्राथमिकता होगी।'
और पढ़ें : असम एनआरसी: दावे और आपत्ति प्रक्रिया शुरू, 23 नवंबर तक रहेगी जारी
सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती ने बीजेपी को गरीब-विरोधी और बंगाली-विरोधी बताया।
वरिष्ठ सीपीएम नेता ने बताया, 'बीजेपी के यहां सत्ता में आने की कोई संभावना नहीं है, उन्हें अकेले ही एनआरसी सूची का प्रचार करने दो। यह असंभव है। बीजेपी कई बार सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न कर बंगाल के लोगों को परेशान करने की कोशिश कर चुकी है। वे दोबारा भी ऐसी कोशिश कर सकते हैं, लेकिन बंगाल की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।'
और पढ़ें : क्या 'घुसपैठिए' नया सियासी पैंतरा बन चुका है
तृणमूल नेता और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने भी बीजेपी पर असम में एनआरसी के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि भगवा पार्टी को एक मौका मिलने पर वे बंगाल में भी ऐसा ही करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषक उदयन बंद्योपाध्याय के अनुसार, असम की तर्ज पर बंगाल में एनआरसी के बीजेपी के बड़े वादे सिर्फ 2019 लोकसभा चुनावों में हिंदू वोटों का लाभ पाने के लिए किए गए हैं।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
-
Riddhima Kapoor: पापा ऋषि कपूर की आखिरी कॉल नहीं उठा पाईं रिद्धिमा कपूर, आज तक है अफसोस
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी