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सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह नहीं, मगर प्रोपेगेंडा फैलाने से बाज आए सरकार: अरुण शौरी

अरुण शौरी ने कहा, लोगों के बीच में सरकार की विश्वसनीयता इतनी गिर गई है कि उन्हें सबूत के तौर पर वीडियो दिखाना पड़ रहा है।

Updated on: 28 Jun 2018, 02:56 PM

नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने सर्जिकल स्ट्राइक को 'फर्जिकल स्ट्राइक' बताने पर सफ़ाई दी है। शौरी ने कहा उत्तर भारतीय चैनल के दो रिपोर्टरों ने मेरे शब्द का ग़लत मतलब निकाला।

उन्होंने कहा, "मैने स्ट्राइक के विरोध में या इसे बदनाम करने के लिए कुछ नहीं कहा। अगर मैं इसे 'फर्ज़िकल' कह रहा हूं तो इसके पीछे वजह यह है कि सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक को ज़्यादा उछालने से यह हास्यास्पद लगता है।"

शौरी ने आगे कहा, "मुझे सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने को लेकर कभी कोई संदेह नहीं रहा है। लेकिन अगर इसका प्रयोग प्रोपेगेंडा फैलाने और अपनी शेखी बघारने जैसे- 'यह कहना कि मेरा सीना 56 इंच का है और मैने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है' ग़लत है।"

शौरी ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का ज़िक्र करते हुए कहा, 'अगर उनके समय में ऐसा कुछ हुआ होता और लोग उनसे पूछते कि क्या वाक़ई में ऐसा हुआ है? तो वो अपनी पलके झपका कर कहते- क्या सच में सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था? आज लोगों के बीच में सरकार की विश्वसनीयता इतनी गिर गई है कि उन्हें सबूत के तौर पर वीडियो दिखाना पड़ रहा है।'

बता दें कि कांग्रेस नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ की बुक लॉन्च पर वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण शौरी ने सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जिकल स्ट्राइक बताया था। शौरी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रयास सिर्फ हिन्दू मुसलमान के बीच दूरी पैदा करके राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए की जा रही है।

हालांकि पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान उन्होंने कांग्रेस की भी आलोचना की।

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