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यूपीए कार्यकाल के GDP में बदलाव पर भड़की कांग्रेस, कहा- खराब जोक

यूपीए सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत से अधिक कमी आई है जब देश ने द्विअंकीय वृद्धि दर्ज की थी.

Updated on: 29 Nov 2018, 07:42 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बुधवार को पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया है. इससे यूपीए सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत से अधिक कमी आई है जब देश ने द्विअंकीय वृद्धि दर्ज की थी. इसके अलावा 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर वाले तीन वर्षों के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत की कमी आई है. सरकार ने आंकड़ों को 2004-05 के आधार वर्ष के बजाय 2011-12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है.

कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की है. वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इसे बहुत खराब जोक बताया है. उन्होंने नीति आयोग के आंकड़े को बहुत बुरा मजाक बताते हुए कहा, ‘नीति आयोग का संशोधित जीडीपी आंकड़ा दरअसल एक जोक है. एक बहुत ही खराब जोक. ये आंकड़े किसी सम्मानित कदम को ठेस पहुंचाने भर के लिए जारी किए गए हैं. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने भी चिदंबरम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि कांग्रेस न सिर्फ सीएसओ की बौद्धिक और तकनीकी क्षमता को कमतर बताने की कोशिश कर रही है बल्कि 10 जाने-माने सांख्यिकी के विद्वानों जिन्होंने इस पूरी रिपोर्ट की समीक्षा की और इस डेटा को तैयार करने में योगदान दिया, उनके महत्व को भी कम कर रही है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पिछले वर्षों के जीडीपी के आंकड़ों में हेराफेरी कर रही है. यह पिछले 15 वर्षों में भारत के विकास की कहानी को बदलने का साजिश है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे एक ‘क्लासिक’ मामला बताया जिसमें ऑपरेशन तो सफल रहा लेकिन मरीज की मौत हो गई. उन्होंने एक बयान में कहा, जीडीपी के संबंध में जारी आंकड़े पिछले 15 साल में भारत की विकास की कहानी में गड़बड़ी करने के मोदी सरकार के प्रयास को दिखाते हैं.

मोदी सरकार और उसका कठपुतली नीति आयोग चाहता है कि लोग मान लें 2+2 =8 होता है. उन्होंने कहा कि पुराने आंकड़ों के नाम पर दिखावा, बाजीगरी, चालबाजी और छल-कपट बेचा जा रहा है.

बता दें कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी ताजा समायोजित आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी. जबकि इसके पहले 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था. इसी तरह 2005-06 और 2006-07 के 9.3- 9.3 प्रतिशत के वृद्धि दर के आंकड़ों को घटाकर क्रमश: 7.9 और 8.1 प्रतिशत किया गया है.

इसी तरह 2007-08 के 9.8 प्रतिशत के वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 7.7 प्रतिशत किया गया है. संशोधित वृद्धि दर के आंकड़े 2019 के आम चुनाव से पहले जारी किए गए हैं.