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दलित आंदोलन के बाद डिफेंसिव BJP, राजनाथ के बाद शाह की सफाई - पार्टी दलितों को नहीं समझती वोट बैंक

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के बीजेपी पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 को कमजोर करने का आरोप लगाने पर पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने पलटवार किया है।

Updated on: 03 Apr 2018, 08:30 PM

highlights

  • हिंसक आंदोलन के बाद बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने दी सफाई
  • शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दलितों के साथ खड़ी है

नई दिल्ली:

SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशव्यापी दलित आंदोलन में हुई हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बचाव की मुद्रा में है।

संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद अब कर्नाटक से पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर पलटवार किया है।

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार दलित समुदाय के प्रत्येक अधिकार की रक्षा करेगी। बीजेपी प्रमुख कहा कि 'सरकार दलितों के प्रत्येक अधिकार की रक्षा करेगी और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करना जारी रखेगी।'

उन्होंने कहा कि बीजेपी हर समय और हर संभव तरीके से दलित समुदाय के साथ खड़ी है। 

शाह ने कहा, 'अनेक दल जो दलित समुदाय को वोट बैंक समझते रहे हैं, वह समय-समय पर सामूहिक रूप से आरक्षण के बारे में भ्रामक प्रचार प्रारंभ कर देते है किन्तु बीजेपी अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को विश्वास दिलाती है कि भाजपा के होते हुए कोई भी राजनीतिक दल या विचार उनके हकों को प्रभावित नहीं कर पायेगा।'

उन्होंने कहा, 'डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा करने की बीजेपी की प्रतिबद्धता अटूट है। सरकार दलितों का जीवन परिवर्तित करने के लिए काम कर रही है।'

शाह ने कहा, 'हमने ओबीसी समुदाय के लिए कुल 116 योजनाएं शुरू की। हालांकि यह लोगों तक पहुंच नहीं सका, क्योंकि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार नहीं थी।'

कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ओबीसी समुदाय की ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग को पूरा करेगी।

इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एसस-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सफाई दी थी।

सिंह ने कहा था कि सरकार की दलितों और जनजातियों के लिए वर्तमान आरक्षण नीति में बदलाव की कोई मंशा नहीं है।

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने बयान में उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा, 'आरक्षण नीति को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं, यह गलत हैं।'

सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुकी है। सरकार का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संसद की मूल भावना के मुताबिक नहीं है।

शाह ने कहा, 'माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट पर आदेश देने के दिन से ही केंद्र सरकार तत्काल और सजगता के साथ सक्रिय हो गई।'

उन्होंने कहा, 'हम अपने दलित भाइयों और बहनों को 'न्यू इंडिया' का निर्माता बनाने का प्रयास जारी रखेंगे। हम उनकी आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करेंगे। जय भीम। जय हिंद।'

शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी व आरएसएस के डीएनए में है कि दलितों को समाज के निचले पायदान पर बनाए रखो। शाह ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अनदेखा किया है।

बीजेपी प्रेसिडेंट ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के डीएनए का मजाक उड़ाने वाली कांग्रेस वही पार्टी है जिसने डॉक्टर अंबेडकर को एक नहीं दो बार हराया। इसी पार्टी ने उनकी तस्वीर को संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं लगाने के लिए कई बहाने गढ़े, उन्हें भारत रत्न सम्मान देने के इनकार किया। देश ने इनकी नकारात्मक राजनीति देखी है।'

शाह ने राजनीतिक पार्टियों पर दलित राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए दलित समुदाय को हुई परेशानी के लिए उनसे माफी मांगने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, 'कुछ हतोत्साहित और खारिज हो चुकीं राजनीतिक पार्टियों द्वारा राजनीतिक उद्देश्य के तहत प्रदर्शन से करोड़ों निर्दोष लोगों को परेशानी हुई। इन पार्टियों को दलित भाइयों और बहनों से अपने गलत काम के लिए माफी मांगनी चाहिए।'

राहुल गांधी ने दलित मुद्दों पर सोमवार को बीजेपी की निंदा करते हुए कहा था कि दलितों को सबसे नीचे रखने के तंत्र को चुनौती देने वालों को हिंसा का सहारा लेकर दबा दिया जाता है।

शाह ने कहा कि सरकार द्वारा एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम, 2015 में संशोधन कर वास्तव में उसे और शक्ति प्रदान की है।

उन्होंने कहा, 'एससी और एसटी समुदायों की भलाई की प्रतिबद्धता के चलते ही ये हुआ है।'

शाह ने कहा, 'चुनाव से पहले आरक्षण का मुद्दा उठाने की पटकथा पुरानी हो चुकी है। बीजेपी का मत स्पष्ट है कि हम बाबा साहेब द्वारा प्रदत्त संविधान और इसमें एससी तथा एसटी समुदाय को दिए गए अधिकारों में पूर्ण विश्वास रखते हैं।'

उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के संबंध में दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि सरकार उनके अधिकारों की रक्षा और उनके भले के लिए सब कुछ कर रही है।

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