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नरोदा पाटिया दंगों के वक्त गुजरात विधानसभा में मौजूद थीं माया कोडनानी: अमित शाह

गुजरात में 2002 में हुए गोधरा दंगों को लेकर अहमदाबाद की स्पेशल एसआईटी कोर्ट में चल रहे नरोदा गाम मामले में बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह माया कोडनानी के लिए गवाही दी है।

Updated on: 18 Sep 2017, 12:59 PM

highlights

  • नरोदा पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी के लिए गवाही देंगे बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह
  • कोर्ट ने नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल जेल की सजा सुनाई है

नई दिल्ली:

गुजरात में 2002 में हुए गोधरा दंगों को लेकर अहमदाबाद की स्पेशल एसआईटी कोर्ट में चल रहे नरोदा गाम मामले में बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने माया कोडनानी के लिए गवाही दी है।

शाह ने कहा कि नरोदा दंगों के दौरान कोडनानी वहां मौजूद नहीं थीं। 

शाह ने कहा कि 28 फरवरी को मैं अपने घर से विधानसभा जाने के लिए सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर निकला था। सुबह 8.30 बजे सदन का टाइम था और मैं अपनी गाड़ी में गया था।

अध्यक्ष के साथ सभी विधानसभा के सदस्य अंदर मौजूद थे और इस दौरान गोधरा ट्रेन कांड में मारे गए लोगो को श्रद्धांजलि दी गई। 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया और नरोदा गाम में सुबह करीब 9 बजे दंगा शुरू हुआ था, जिमसें कुल 97 लोग मारे गए थे।

शाह ने कहा, 'माया कोडनानी नरोदा गाम में मौजूद नहीं थीं। वह सुबह के 8.30 बजे विधानसभा में मौजूद थीं।'

उन्होंने कहा कि दिन में बहुत फोन आ रहे थे और मुझे फिर सोला सिविल अस्पताल के लिए जाना पड़ा क्योंकि यह अस्पताल मेरे मत क्षेत्र में आता है।'

शाह ने कहा, 'मैं सुबह 9.30 से 9.45 के बीच सोला सिविल अस्पताल में था। वहां पर डेड बॉडी लाई गई थी। इस दौरान अस्पताल में मुझे माया कोडनानी मिलीं। लोगों ने मुझे बाहर निकलते वक्त घेर लिया और फिर पुलिस मुझे और माया बहन को एक जीप में बैठा कर अपनी गाड़ी तक ले गई।' इस वक्त 11 से 11.15 के बीच का वक्त रहा होगा।

शाह ने हालांकि कहा, 'विधानसभा से सोला सिविल अस्पताल के बीच माया बहन कहां थी, यह मुझे नहीं पता है।'

मामले की मुख्य आरोपी और पूर्व विधायक माया कोडनानी की अपील पर कोर्ट ने अमित शाह को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया था। कोडनानी का कहना है कि कि नरोदा गाम में दंगों के दौरान वह अमित शाह के साथ अहमदाबाद की सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं।

कोडनानी के इसी बयान को आधार बनाते हुए अमित शाह को बतौर गवाह बयान देने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया गया था। केस की पिछली सुनवाई के दौरान अमित शाह के खिलाफ वारंट जारी किया गया था।

नरोदा गाम दंगे में 11 लोगों की हत्या हुई थी, जिसमें कोडनानी को मुख्य आरोपी बनाया गया है। केस में कोर्ट पहले ही कोडनानी को आजीवन कारावास की सजा सुना चुका है। हालांकि कोडनानी खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत पर रिहा हैं। 

फरवरी 2002 में गुजरात दंगों से धधक उठा था। इसी दौरान नरोदा पाटिया में दंगा हुआ। इस मामले में कोडनानी समेत 82 लोगों को आरोपी बनाया गया। कोडनानी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में मंत्री थी।

कोर्ट ने नरोदा पाटिया मामले में कोडनानी को 28 साल जेल की सजा सुनाई है।