#MeToo कैंपेन को लेकर बीजेपी सांसद ने दिया चौंकाने वाला बयान
वे लोगों को यह बताने की अब हिम्मत जुटा पा रही हैं कि उनके साथ गलत हुआ
नई दिल्ली:
#MeToo कैम्पेन जारी है. इसके तहत अब रोज कोई न कोई अपने साथ हुई हादसे को याद कर रहा है. यह एक ऐसा कैंपेन बन गया है जिसके जरिए कई महिलाएं आपबीती लोगों के बीच रख रही है. वे लोगों को यह बताने की अब हिम्मत जुटा पा रही हैं कि उनके साथ गलत हुआ. पहले जब वे इस अपराध का शिकार हुई तब वे यह खुलास नहीं कर पाईं, लेकिन बदलते जमाने के साथ उनके भीतर साहस पैदा हुआ और वे अब अपनी बात बिना डरे सामने रख रही है. ये महिलाएं यौन शोषण की घटनाओं का सोशल मीडिया में खुलासा कर रही हैं. अब आरोपों की जद में कई नामी-गिरामी हस्तियां आईं हैं.
जब कई जानी मानी हस्तियों पर ऐसे आरोप लग रहे हैं तब कई अन्य या तो उनके समर्थन में या फिर कुछ विरोध में स्वर बुलंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं कई लोग देर से जाहिर की जा रही भावनाओं को बकवास तक करार दे रहे हैं. इस मामले में केंद्रीय मंत्री मैनेका गांधी ने भी अपनी बात खुलकर सामने रखी. केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस कैंपेनिंग को अपना समर्थन दिया है. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है. ‘#मी टू’ अभियान’ का उल्लेख करते हुए मेनका गांधी ने कहा, ‘मैं आशा करती हूं कि यह इस तरह नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए कि हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो. लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं. ’ मेनका गांधी ने कहा कि ‘#मी टू’कैंपेन से महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला.
इस पूरे मामले में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद उदितराज ने भी अपनी राय ट्विटर पर साझा की है. उनकी राय मैनेका गांधी की राय से भिन्न है. चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी सांसद उदित राज ने इस कैंपेन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. उदितराज ने कैंपेन के तहत लग रहे आरोपों को गलत प्रथा की शुरुआत करार दिया है. सांसद के मुताबिक लंबे अरसे के बाद आरोप लगाने के बाद उसकी सत्यता की जांच कैसे होगी. झूठे आरोपों से किसी की छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है. माना जा रहा है कि देश में मीटू अभियान को 'गलत चलन' की शुरुआत बताते हुए भाजपा सांसद उदित राज ने मंगलवार को नाना पाटेकर का समर्थन किया और एक दशक बाद सामने आकर आरोप लगाने के लिए तनुश्री दत्ता पर सवाल उठाया.
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
बीजेपी सांसद उदित राज ने ट्वीट करते हुए कहा-#MeToo कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगी?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा, उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है.गलत प्रथा की शुरुआत है.
बॉलीवुड में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और मीटू अभियान के परिपेक्ष में तनुश्री ने सितंबर माह में एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें उन्होंने 2008 में फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर नाना पाटेकर द्वारा उनके साथ कथित उत्पीड़न का अनुभव साझा किया था, जिसके बाद भाजपा सांसद की यह टिप्पणी आई है.
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