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बीजेपी विधायक ने दिया बयान, 'कुछ पर्यटक गोवा बीच पर हर लड़की को 'उपलब्ध' समझते हैं'

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुक्तेश चंदेर से मुलाकात कर उन्हें पर्यटन से संबंधित ऐसे खतरों की जांच करने के लिए ज्ञापन देने वाले लोबो ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी पर्रिकर ने गोवा के बीचों पर शराब पीने पर पाबंदी नहीं लगाई है.

Updated on: 16 Jan 2019, 06:48 AM

पणजी:

गोवा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मिशेल लोबो ने मंगलवार को कहा कि गोवा के बीचों (समुद्र तटों) पर आने वाले कुछ भारतीय पर्यटक सोचते हैं कि बीच पर मिलने वाली हर लड़की उपलब्ध है और ऐसे पर्यटकों के आने से तटीय राज्य के पर्यटन राजस्व में कमी आई है. यहां गोवा पुलिस मुख्यालय पर संवाददाताओं से बात करते हुए कालंगट विधानसभा से विधायक लोबो ने अपने ही मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर हमला करते हुए उन पर गलत पर्यटकों को न रोकने का आरोप लगाया और कहा कि इससे गोवा के संपूर्ण पर्यटन व्यवसाय में गिरावट हो सकती है. सबसे ज्यादा बीच कालंगट विधानसभा क्षेत्र में ही हैं.

उन्होंने कहा, 'उत्तरी और दक्षिणी (जिलों) सहित तटीय क्षेत्र में हमने आज क्या पाया है, जो लोग यहां आते हैं, सिर्फ यही सोचकर गोवा आते हैं.'

मिशेल लोबो ने कहा, 'वे सब शराब, नशा और वेश्यागमन के लिए यहां आते हैं. वे सोचते हैं कि बीच पर मौजूद हर लड़की उपलब्ध है। वे शराब पीते हैं. वे जो कुछ करना चाहते हैं, वह करते हैं, क्योंकि वे बीच पर चाहे कितनी भी बोतलें (शराब की) ले जा सकते हैं.'

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुक्तेश चंदेर से मुलाकात कर उन्हें पर्यटन से संबंधित ऐसे खतरों की जांच करने के लिए ज्ञापन देने वाले लोबो ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी पर्रिकर ने गोवा के बीचों पर शराब पीने पर पाबंदी नहीं लगाई है.

और पढ़ें: गोवा के पर्यटन मंत्री ने कहा- हमें ऐसे पर्यटकों की जरूरत नहीं, जो नशे के आदी हों और समुद्र तट पर बोतलें तोड़ते हों

लोबो ने कहा कि बीचों पर शराब पीना दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'पर्यटन मंत्रालय जिम्मेदार है. हमारे मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. वे शत-प्रतिशत जिम्मेदार हैं. उन्हें बीचों पर शराब पीने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. हमने उनसे कई बार आग्रह किया है.'

बीजेपी विधायक ने कहा, 'छूट वाले ये आदेश लाने के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. प्रतिबंध के आदेश आए नहीं हैं तो कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता. हम असहाय हैं.'