NDA गठबंधन में पार्टियां नाराज, फिर भी बीजेपी के माथे पर शिकन नहीं
तेलुगू देशम पार्टी नाराज है, शिवसेना के रुख उखड़े हुए हैं, कश्मीर में पीडीपी से अनबन चल रही है और अकाली दल भी उदास है। सहयोगियों के कड़े रुख के बावजूद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी परेशान नहीं दिखाई दे रही है।
नई दिल्ली:
तेलुगू देशम पार्टी नाराज है, शिवसेना के रुख उखड़े हुए हैं, कश्मीर में पीडीपी से अनबन चल रही है और अकाली दल भी उदास है। सहयोगियों के कड़े रुख के बावजूद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी परेशान नहीं दिखाई दे रही है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर कई बीजेपी नेताओं ने बताया है कि पार्टी के कुछ विश्वसनीय सहयोगी दल बीजेपी की एक के बाद एक चुनावों में जीत से खुश नहीं है। इसका कारण बीजेपी का देश में बढ़ता वर्चस्व है।
बीजेपी इसलिए भी खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है क्योंकि उसके सहयोगी बहुमत नहीं होने की वजह से सत्ताधारी एनडीए को नहीं छोड़ सकते हैं। यहां तक की टीडीपी जो कि सबसे ज्यादा नाराज पार्टी है लेकिन एनडीए से अलग नहीं है।
और पढ़ें: संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच गतिरोध जारी, हंगामे के कारण लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित
हाल ही में टीडीपी प्रेसिडेंट और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र से अपने दोनों मंत्रियों को वापस तो बुला लिया लेकिन NDA से गठबंधन नहीं तोड़ा। यह एक तरह से अलगाव है न कि तलाक, जैसा कि सभी कह रहे हैं। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों ने बीजेपी को इस आत्मसंतुष्टि पर चेतावनी दी है।
जवाहरलाल नेहरू विवि में असोशिएट प्रोफेसर मनिंद्र नाथ ठाकुर ने कहा कि बीजेपी के सहयोगी दलों का असंतोष अभी इतना गंभीर नहीं दिख रहा है। लेकिन, बीजेपी को एक अच्छा तरीका खोजना होगा ताकि यह गठबंधन 2019 में यूं ही बना रहे।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि बीजेपी को 2019 लोकसभा में इतना बहुमत नहीं मिलेगा जितना पार्टी के पास वर्तमान में है। यहां किसी विशेषज्ञ की जरुरत नहीं है यह बताने के लिए, बीजेपी के पास अभी पूर्ण बहुमत है लेकिन उन्हें 2019 में गठबंधन की जरुरत होगी।'
और पढ़ें: राष्ट्रपति ने स्वीकार किए TDP मंत्रियों के इस्तीफे, PM संभालेंगे विमान मंत्रालय का कार्यभार
एक लंबे समय तक बीजेपी के साथ वैचारिक समानता रखने वाली शिवसेना ने बागी तेवर अपनाते हुए अगले चुनाव में अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है।
शिवसेना के नेता संजय रावत ने टीडीपी के केंद्र से बुलाए गए मंत्रियों के फैसले पर कहा है कि उन्हें आशा है कि जल्द ही बाकी दलों का गुस्सा भी फूटेगा और आने वाले दिनों में वह एनडीए को छोड़ देंगे।
इससे पहले जब बीजेपी और टीडीपी के गठबंधन में खटास आई थी, तब शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने कहा था कि गठबंधन में बड़ी पार्टी को छोटी पार्टियों के साथ 'गठबंधन धर्म' निभाने की जरुरत है जो कि अटलबिहारी वाजपेयी ने अभ्यास में लाया था।
और पढ़ें: बीजेपी महिला विंग की नेता ने किसान नेता को मारा थप्पड़, मंदिर में कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह