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BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी बोले-आधार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा, पीएम मोदी को लिखेंगे खत

केंद्र की मोदी सरकार जहां एक तरफ ज्यादातर योजनाओं में आधार कार्ड अनिवार्य कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में ही आधार के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

Updated on: 31 Oct 2017, 03:28 PM

highlights

  • बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आधार कार्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया
  • ममता बनर्जी ने भी किया है आधार से मोबाइल लिंक किये जाने का विरोध

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार जहां एक तरफ ज्यादातर योजनाओं में आधार कार्ड अनिवार्य कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में ही आधार के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आधार कार्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बताते हुए कहा कि वे इस बारे में विस्तार से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे।

स्वामी ने कहा, 'मैं शीघ्र ही प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख रहा हूं जिसमें बताऊंगा कि अनिवार्य आधार हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा क्यों है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट आधार की अनिवार्यता के मामले को खारिज कर देगी।'

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के मोबाइल को आधार से जोड़ने के फैसले का कड़ाई से विरोध करते हुए कहा था कि अगर उनका कनेक्शन काट भी दिया गया तो भी वह दूरसंचार कंपनी को अपना आधार संख्या नहीं देंगी।

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ममता ने कहा था, 'अगर इसके लिए हमारे मोबाइल कनेक्शन काट दिए जाए, तो ऐसा होने दो। मैं चुनौती देती हूं कि मैं अपना आधार संख्या नहीं दूंगी चाहे मेरा कनेक्शन काट दिया जाए। मुझे इसकी चिंता नहीं है।'

सुप्रीम कोर्ट में मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि निजी जीवन में दखल देने और निजता के अधिकार का उल्लंघन करने के आरोपों को लेकर आधार कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली जस्टिस ए.एम.खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में सुनवाई नवंबर के आखिरी सप्ताह में होगी।

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अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि केद्र ने आधार संख्या को जोड़ने से संबंधित क्षेत्रों के विस्तार के आरोपों का खंडन करते हुए विस्तृत शपथ-पत्र दाखिल किया है, जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई नवंबर के आखिरी सप्ताह में तय कर दी।