संकट में गोवा की बीजेपी सरकार, एमजीपी ने समर्थन वापस लेने का लिया फैसला
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने शुक्रवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी ने गोवा की भाजपानीत सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है
पणजी:
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने शुक्रवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी ने गोवा की भाजपानीत सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. एमजीपी की केंद्रीय समिति ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था. इसके एक दिन बाद धवलीकर ने यहां मीडिया से कहा, "पार्टी ने औपचारिक रूप से गोवा सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. इस आशय का पत्र राज्यपाल मृदुला सिन्हा को जल्द ही सौंपा जाएगा."
एमजीपी का 2012 से भाजपा के साथ गठबंधन था. इससे पहले वह पांच सालों तक कांग्रेस के साथ थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद एमजीपी और भाजपा के मतभेद उभर कर सामने आ गए.
नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एमजीपी के वरिष्ठ नेता सुदिन धवलीकर को उप मुख्यमंत्री बनाया और इसके बाद जल्द ही मध्यरात्रि के एक नाटकीय घटनाक्रम ने एमजीपी को तोड़ते हुए भाजपा ने इसके तीन में से दो विधायकों को अपने में मिला लिया. इसी दिन एमजीपी के एकमात्र बचे विधायक सुदिन धवलीकर को उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया.
गोवा में एमजीपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद भी भाजपानीत गठबंधन सरकार का बहुमत बना रहेगा. 36 सदस्यीय मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 14 विधायक हैं और उसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. सरकार के पास 20 विधायकों का समर्थन है, जो कि बहुमत के लिए जरूरी 19 विधायकों से एक ज्यादा है.
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