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उत्तर-पूर्व में लहराया बीजेपी का परचम, त्रिपुरा में मिला बहुमत, नागालैंड में गठबंधन सरकार बनाने की तैयारी

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिये ऐतिहासिक साबित हुए हैं। त्रिपुरा में पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज वामदलों को हार का सामना करना पड़ा है।

Updated on: 04 Mar 2018, 12:20 AM

नई दिल्ली:

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिये ऐतिहासिक साबित हुए हैं। त्रिपुरा में पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज वामदलों को हार का सामना करना पड़ा है।

त्रिपुरा में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है वहीं नागालैंड में वो गठछबंधन की सरकार बनाने जा रही है। वहीं मेघालय में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन अन्य दलों के साथ बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है।

चुनाव परिणामों के बाद शाम को हुई बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह विश्वास जताया गया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाएगी। बीजेपी ने दावा किया कि उसे दोनों राज्यों में सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत है।

मेघालय में सरकार बनाने की संभावनाओं की तलाश के लिये बीजेपी ने दो केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू और केजे अल्फॉंस को भेजा है। जो गैर कांग्रेसी दलों से बात कर सरकार बनाने की संभावनाओं पर उनसे चर्चा करेंगे। एपीपी के साथ बीजेपी गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी। 

शनिवार को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि अब उनका लक्ष्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सत्ता हासिल करना होना चाहिए।

त्रिपुरा में बीजेपीऔर इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली।

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बीजेपी की झोली में 35 सीटें आयीं जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है।

त्रिपुरा में बीजेपीको 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपीको 43 फीसदी वोट मिले हैं।

वहीं, वाम मोर्चे को 2013 के चुनाव में कुल 50 सीटें मिली थीं और वह अभी सिर्फ 18 सीटों पर आगे चल रही है। सीपीएम और सीपीआई गठबंधन को 44 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग छह फीसदी कम है। सीपीएम को अकेले 42.7 फीसदी वोट मिले हैं।

मुख्यमंत्री माणिक सरकार धनपुर सीट पर विजयी हुए हैं। वह पिछले 20 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा क्षेत्र में जीत मिली थी लेकिन इस बार पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई।

प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर 18 फरवरी को मतदान हुए थे। जनजातीय सुरक्षित सीट चारीलम में 12 मार्च को मतदान होगा। यहां सीपीएम उम्मीदवार नारायण देबबर्मा का निधन हो जाने से मतदान नहीं हो पाया था।

नगालैंड में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी की झोली में 11 सीटें आई हैं।

मुख्यमंत्री टी.आर.जेलियांग के नेतृत्व में एनपीएफ पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुकी है और उसने बीजेपी के साथ गठबंधन में रहने की इच्छा जताई है।

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राज्य की 60 में से 59 सीटों पर चुनाव हुए थे। राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नेफ्यू रियो को उत्तरी अंगामी-2 सीट से पहले ही निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया था।

मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 21 सीटें जीत ली हैं जबकि पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं।

बीजेपी की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीत ली हैं।

राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था।

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