बिहार: CBI करेगी मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की जांच, सीएम नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से मॉनिटरिंग का किया अनुरोध
बिहार सरकार ने किरकिरी होने के बाद मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में यौन शोषण मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का फैसला लिया है।
बिहार:
मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में यौन शोषण मामले में किरकिरी होने के बाद बिहार सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का फैसला लिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग करने का भी अनुरोध किया है।
सीएम नीतीश ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया। इस बीच विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने निष्पक्ष जांच की बात कहते हुए सीएम से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है।
एक आधिकरिक बयान में कहा गया है, 'मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की जांच पुलिस मुस्तैदी से कर रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। भ्रम का वातावरण नहीं बने, इसलिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।'
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इधर, तेजस्वी ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर दौरे के बाद इस मामले में जो बात सामने आ रही है, उसमें समाज कल्याण मंत्री के पति के अलावा बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री का नाम आया है। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो, हम लोग इसके लिए कानूनी पहलुओं पर भी गौर कर रहे हैं।
इधर, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने पति पर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है। वर्मा ने कहा कि इस प्रकरण को उजागर हुए करीब एक महीने बीत चुका है, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस की जांच के क्रम में इस तरह का आरोप किसी पर नहीं लगा। तेजस्वी के मुजफ्फरपुर दौरा के बाद से साजिश के तहत मंत्री, मंत्री के पति और राज्य सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।
इस मामले के एक आरोपी की पत्नी ने मंत्री मंजू वर्मा के पति पर बराबर बालिका गृह जाने का आरोप लगाया था। हालांकि, मंजू वर्मा कहा कि उनके पति एक बार उनके साथ बालिका गृह गए थे।
विपक्ष लगातार इस मामले में सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था। इसे लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में भी कार्यवाही बाधित की जा रही थी।
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब मुंबई की संस्था टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यौन शोषण का उल्लेख किया।
इसके बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जांच के क्रम में यहां की 44 लड़कियों में से 42 लड़कियों की चिकित्सकीय जांच करवाई गई थी जिसमें 29 लड़कियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई है। दो लड़कियों के अस्वस्थ्य होने के कारण जांच नहीं हो पाई थी।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों किरण कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक अन्य फरार आरोपी दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
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