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भीमा कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस ने हत्या में शामिल संदिग्धों की तस्वीरें की जारी

जनवरी में भीमा कोरेगांव में एक सभा में हेट स्पीच से भड़की हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने चार संदिग्धों की तस्वीरों को जारी किया है।

Updated on: 08 Jun 2018, 09:59 PM

नई दिल्ली:

जनवरी में भीमा कोरेगांव में एक सभा में हेट स्पीच से भड़की हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने चार संदिग्धों की तस्वीरों को जारी किया है

यह चारों संदिग्ध राहुल फटांगड़े की हत्या में कथित रूप से शामिल हैं। हिंसा के दौरान पत्थरों और लाठियों के साथ उग्र भीड़ ने राहुल फटांगडे (30) पर हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। 

पुणे के पुलिस अधीक्षक (एसपी), अक्कनौरू प्रसाद ने एएनआई को बताया, 'हमने उन संदिग्धों की तस्वीरें जारी की जो युवाओं पर पत्थरों से हमला करने में शामिल थे। इसके अलावा एक वीडियो क्लिप भी मिला है और उसके आधार पर हमने अहमदनगर जिले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।'

उन्होंने कहा, 'हिंसा में कई लोग शामिल हैं। जारी की गई कुछ तस्वीरों में उनके चेहरे साफ़ दिखाई नहीं दे रहे है । हम उन्हें पहचानने में सक्षम नहीं हैं। इस मामले की जांच चल रही है।'

कल आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग को ब्लड प्रेशर में दिक्कत के कारण पुणे के सस्सून अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। सुरेंद्र गाडलिंग 14 जून तक पुलिस हिरासत में है।

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बता दें कि 'शहरी नक्सल समर्थकों' के खिलाफ एक अभियान के तहत गिरफ्तार लोगों में मुंबई के सुधीर धवले, नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग और दिल्ली के कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन शामिल हैं।

इसके अलावा पुलिस ने नागपुर में शोमा सेन और मुंबई में महेश राउत को भी गिरफ्तार किया। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गुजरात के दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी भी पुणे पुलिस की रडार पर है।

क्या है मामला ?

पिछले साल 31 दिसंबर को गिरफ्तार लोगों ने पुणे के शनिवारवाड़ा में एलगार परिषद आयोजित किया था। यह परिषद ब्रिटिश सेना और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध की 200वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी। इस परिषद के दूसरे दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा हुई

इस आयोजन को गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और भीम सेना के अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने संबोधित किया था।

इसके एक दिन बाद (एक जनवरी को) कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़के थे।

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