logo-image

भीमा कोरेगांव हिंसा : पुलिस कार्रवाई के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस प्रकार किया नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला

पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद देशभर में कई राजनीतिक दलों ने भी विरोध किया है।

Updated on: 29 Aug 2018, 10:49 AM

नई दिल्ली:

भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस की पांच राज्यों में छापेमारी के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से सभी का रुझान वामपंथी विचारधारा की ओर बताया जा रहा है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद वामपंथी दलों के अलावा कुछ सामाजिक संगठन के लोगों ने भी इसका विरोध किया है। पुलिस ने शाम तक भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किए गए लोगों को कोर्ट में पेशी की तैयारी भी कर ली है। कुछ को कल ही पुलिस ने कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया है। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद देशभर में कई राजनीतिक दलों ने भी विरोध किया है।

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि न्यू इंडिया (New India) में एकमात्र एनजीओ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस RSS) के लिए जगह है। बता दें कि इस समय राहुल गांधी बाढ़ प्रभावित केरल के दौरे पर है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत में अब सिर्फ एकमात्र एनजीओ के लिए जगह है और वह आरएसएस (RSS) है। बाकी सब NGOs (एनजीओ) को बंद कर दो। जितने भी एक्टिविस्ट (Activists) को जेल में डाल दो और जो शिकायत करे उसे गोली (shoot) मार दो। नए इंडिया (New India) में आपका स्वागत है।'

पढ़ें- राहुल के भीतर बीजेपी, आरएसएस, मोदी के खिलाफ घृणा: संबित पात्रा

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां ने मंगलवार को मुंबई, रांची, हैदराबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और ठाणे में छापेमारी की थी और कुल 5 लोगों को गिरफ़्तार किया । रांची में स्टान स्वामी के आवास पर छापेमारी की गई हालांकि उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई। अभी तक वरवराव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले पुलिस ने इन सभी लोगों के घर पर छापेमारी की थी।

गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में कथित तौर पर दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं। पुलिस ने इन सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ 153 A, 505(1) B,117,120 B,13,16,18,20,38,39,40 और ग़ैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (UAPA) के तहत मामला दर्ज़ किया है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों को उनकी कथित नक्सली गतिविधियों को लेकर आईपीसी और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की संबद्ध धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी। वहीं गौतम नवलखा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को कम से कम कल (बुधवार) शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया।

VIDEO: राहुल गांधी काफी समय से RSS पर हमला बोल रहे हैं

वहीं, सीपीएम नेता प्रकाश करात ने इस घटना को लोकतांत्रिक अधिकार पर बेशर्म हमला बताया है। करात ने कहा, 'हमारी मांग है कि सभी गिरफ़्तार लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। इसके साथ ही इन लोगों के ख़िलाफ़ जो भी केस दर्ज़ किया है उसे वापस ले लिया जाए।' सुधा भारद्वाज, वरवर राव और गौतम नौलखा जैसे कवि, लेखक और पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए सीपीएम ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पुलिस भीमा-कोरेगांव दंगों के बाद दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को निशाना बना रही है।

गौरतलब है कि कोरेगांव - भीमा, दलित इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वहां करीब 200 साल पहले एक बड़ी लड़ाई हुई थी, जिसमें पेशवा शासकों को एक जनवरी 1818 को ब्रिटिश सेना ने हराया था। अंग्रेजों की सेना में काफी संख्या में दलित सैनिक भी शामिल थे। इस लड़ाई की वर्षगांठ मनाने के लिए हर साल पुणे में हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग एकत्र होते हैं और कोरेगांव भीमा से एक युद्ध स्मारक तक मार्च करते हैं।

पुलिस के मुताबिक इस लड़ाई की 200 वीं वर्षगांठ मनाए जाने से एक दिन पहले 31 दिसंबर को एल्गार परिषद कार्यक्रम में दिए गए भाषण ने हिंसा भड़काई। वहीं, मंगलवार का घटनाक्रम जून में की गई छापेमारी के ही समान है जब हिंसा की इस घटना के सिलसिले में पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। एल्गार परिषद के सिलसिले में जून में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक के परिसर में ली गई तलाशी के दौरान पुणे ने एक पत्र बरामद होने का दावा किया था, जिसमें राव के नाम का जिक्र था। विश्रामबाग थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के मुताबिक इन पांच लोगों पर माओवादियें से करीबी संबंध रखने का आरोप है।