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सुप्रीम कोर्ट से पुणे पुलिस को झटका, नहीं मिली रिमांड, हाउस अरेस्ट पर रहेंगे पांचों आरोपी

SC में चुनौती दिए जाने के बाद पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तारियां ऐसे सबूतों के आधार पर की गई हैं, जिनसे पता चलता है कि आरोपी साजिश रच रहे थे।

Updated on: 29 Aug 2018, 07:13 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की गिरफ़्तारी को लेकर महाराष्ट्र पुलिस को झटका दिया है। पुलिस की मांग थी कि सभी गिरफ्तार किए गए लोगों को पूछताछ के लिए कस्टडी में दिया जाए। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सभी लोग हाउस अरेस्ट रहेंगे मतलब उनके घर में जा कर ही पुलिस को पूछताछ करनी पड़ेगी।

इन सभी लोगों को महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद पुणे पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तारियां ऐसे सबूतों के आधार पर की गई हैं, जिनसे पता चलता है कि आरोपी 'बड़ी साजिश' रच रहे थे।

वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि भीमा कोरेगांव मामला हमारे देश और संविधान के लिए गंभीर झटका है। इस मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने कहा, 'पुलिस के मनोबल को तोड़ना ठीक नहीं है। भीमा कोरेगांव हिंसा हमारे देश और संविधान के लिए गंभीर झटका है। देश के अंदर सांप्रदायिक सौहाद्रता को खराब करने की कोशिश की जा रही थी जो अब सबके सामने आ गया है इसलिए पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अगर किसी को लगता है कि पांचो आरोपी निर्दोष हैं तो वह कोर्ट जा सकते हैं और वहां से बेल ले सकते हैं।'

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हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि साजिश क्या थी? बता दें कि हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी। जिसके बाद सभी लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया।