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भीमा कोरेगांव हिंसा: नक्सलियों के साथ दिग्विजय सिंह कनेक्शन की जांच कर रही पुणे पुलिस

पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो हम दिग्विजय सिंह को जांच में जुड़ने के लिए समन भी कर सकते हैं.

Updated on: 19 Nov 2018, 09:50 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में पिछले साल 31 दिसंबर को हुई भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस ने नक्सल संबंधों को लेकर बड़ा सवाल उठाया है. पुलिस ने इस मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं. पुणे पुलिस के डीजीपी के अनुसार वह जनवरी में हुई इस हिंसा में कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की भूमिका की वह जांच कर रही है.

पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो हम दिग्विजय सिंह को जांच में जुड़ने के लिए समन भी कर सकते हैं.

पुणे पुलिस के अनुसार, 'जून में गिरफ्तार किए गए ऐक्टिविस्ट रोना विल्सन को वॉन्टेड नक्सली नेता मिलिंद टेल्टुम्ब्डे ने खत लिखा था, जिसमें कहा गया था कि कई कांग्रेसी नेता हमारी मदद को तैयार हैं. इसी जांच में पुलिस ने जब गिरफ्तार माओवादी समर्थक नेताओं प्रकाश उर्फ रितुपन गोस्वामी और सुरेंद्र गाडलिंग के मोबाइल नंबरों की पड़ताल की, तो एक नंबर पर उनकी जिनसे बात हुई थी, वह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का निकला.'

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डीसीपी सुभाष कहा,' पुलिस की यह जांच बहुत हाई प्रोफाइल और संवेदनशील लोगों से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में सभी एंगल से पड़ताल कर रहे हैं.'

इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के इस बड़े नेता पर नक्सल लिंक का आरोप लगाया गया था. जिसके जवाब में दिग्विजय ने कहा था कि अगर बीजेपी मुझ पर नक्सली होने के आरोप लगा रही है तो सरकार मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती?

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें पहले भी देशद्रोही कहा जा चुका है, इसलिए सरकार उन्हें गिरफ्तार करे.

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बता दें कि संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह के कथित तौर पर नक्सली कनेक्शन होने का दावा किया था.