आईआईटी खड़गपुर ग्रेजुएट अभिनव श्रीवास्तव ही करता था आधार डेटा हैक, पुलिस ने की पुष्टि
आधार डेटा हैकिंग के मामले में पुलिस जांच से पता चला है कि आईआईटी खड़गपुर के ग्रेजुएट छात्र ने यूनिक आईडेंटिफिकेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के आधार प्रोजेक्ट की सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के डिजिटल इंडिया ई-अस्पताल से रिपॉजिटरी तक पहुंच कर आधार डेटा हैक किया।
नई दिल्ली:
आधार डेटा हैकिंग के मामले में पुलिस जांच से पता चला है कि आईआईटी खड़गपुर के ग्रेजुएट छात्र ने यूनिक आईडेंटिफिकेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के आधार प्रोजेक्ट की सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के डिजिटल इंडिया ई-अस्पताल से रिपॉजिटरी तक पहुंच कर आधार डेटा हैक किया।
बैंग्लुरु पुलिस ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के 31 वर्षीय अभिनव श्रीवास्तव को UIDAI की शिकायत पर गिरफ्तार करने की सूचना दी है।
UIDAI ने आधार डेटा हैक की शिकायत 26 जुलाई को दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया था श्रीवास्तव ने UIDAI डेटा बिना प्राधिकरण के 1 जनवरी से 26 जुलाई के बीच ईकेवाईसी वेरिफिकेशन नाम की ऐप के ज़रिए डेटा हैक किया था।
यह ऐप डेमोग्राफिक डेटा जैसा नाम, पता, केंद्रीय पहचान से व्यक्तियों का फोन नंबर, जैसी जानकारी आधार के लिए जमा डेटा के ज़रिए मुहैया कराती है।
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यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है, और यह दावा करती है कि इसे myGov ने स्टार्टअप कंपनी क्वार्थ टेक्नोलॉजी के लिए बनाया है, जिसे 2016 में टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला ने खरीद लिया था। साइबर क्राइम पुलिस की जांच में इस बात का पता चला है कि, सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीवास्तव आधार-ईकेवाईसी वेरिफिकेशन नाम से गैरकानूनी ऐप चला रहा था।
जोकि आधार संख्या के सत्यापन के लिए यूआईडीएआई की केंद्रीय पहचान डेटा सेंटर तक पहुंचने के लिए भारत सरकार के डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत बनाई गई आधार-सक्षम ई-हॉस्पिटल सिस्टम में हैक किया।
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UIDAI यह ऐप आधार संख्या के सत्यापन के लिए यूआईडीएआई की केंद्रीय पहचान डेटा सेंटर तक पहुंच भारत सरकार के डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत बनाई गई आधार-सक्षम ई-हॉस्पिटल सिस्टम को हैक कर जानकारियां चुराता था।
बेंगलुरु पुलिस आयुक्त टी सुनील कुमार ने बताया, 'एक उच्च योग्य तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में, श्रीवास्तव को एंड्रॉइड मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने में गहरी रुचि थी उन्होंने आधार ई-केवाईसी सत्यापन मोबाइल एप्लिकेशन को जनवरी 2017 में विकसित किया और विज्ञापन से 40,000 रुपये अर्जित किए।'
पुलिस ने बताया, 'अभियुक्त ने ई-अस्पताल आवेदन और उसके सर्वर के माध्यम से यूआईडीएआई डेटा तक पहुंचा। उन्होंने ऐप के माध्यम से लोगों को आधार जानकारी प्रदान की।'
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