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अगर होती थोड़ी और देर तो 17600 करोड़ रुपये का हो जाता पीएनबी घोटाला

अगर पीएनबी घोटाले के उजागर होने में थोड़ा और वक्त लगा जाता तो इस फर्जीवाड़े में 11 हजार करोड़ रुपये की जगह करीब 17600 करोड़ रुपये डूब जाते।

Updated on: 17 Feb 2018, 09:04 PM

नई दिल्ली:

अगर पीएनबी घोटाले के उजागर होने में थोड़ा और वक्त लगा जाता तो इस फर्जीवाड़े में 11 हजार करोड़ रुपये की जगह करीब 17600 करोड़ रुपये डूब जाते।

ऐसा इसलिए कहा जा है कि क्योंकि आयकर विभाग के एक नोट के मुताबिक मार्च 2017 में नीरव मोदी की कंपनी ने लोन और गैरेंटी का विस्तार करने वाले थे जिसके बाद कर्ज का यह आंकड़ा बढ़कर 17600 करोड़ रुपये तक हो सकता था। आयकर विभाग भी इन कंपनियों के टैक्स से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है।

हीरा कारोबारी नीरव मोदी के इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब बैंक के कुछ कर्मचारियों की मदद से कई बार लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू जारी की गई। यह एक तरह की गारंटी होती है जिसके बाद दूसरे बैंक भी उस शख्स को पैस देते हैं।

अगर खातेदार डिफॉल्टर हो जाए तो यह पैसा अंडटटेकिंग देने वाले बैंक को चुकाना होता है। बिना कर्ज चुकाए कई बार अंडरटेकिंग मिलने पर जनवरी में जब पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग की अवधि समाप्त हुई और भारतीय बैंक के विदेशी शाखाओं को पैसे वापस नहीं मिले तो जांच में घोटाले का पता चला जो साल 2011 से ही हो रहा था। शुरुआती जांच में अभी 11 हजार करोड़ से ज्यादा का यह घोटाला बताया जा रहा है लेकिन पैसों का यह आंकड़ा अभी और आगे बढ़ सकता है।

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रिपोर्ट्स की माने तो इस समय नीरव मोदी अमेरिका के सबसे महंगे होटलों में से एक जेडब्ल्यू मैरियट्स एसेक्स हाउस में रह रहे हैं। इस 36 फ्लोर के सुइट के लिए नीरव मोदी रोजाना लाखों रुपये अदा कर रहे हैं। यह होटल न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में स्थित है।

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