बैकों के विलय का बैंक कर्मचारी यूनियन ने किया विरोध, देश भर में आज प्रदर्शन
सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों के विलय को लेकर बैकिंग यूनियन के कर्मचारी मर्जर के फैसले के विरोध में देशभर में प्रदर्शन करेंगे
नई दिल्ली:
सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों के विलय को लेकर बैकिंग यूनियन के कर्मचारी मर्जर के फैसले के विरोध में देशभर में प्रदर्शन करेंगे. बैंककर्मी सरकार से सैलरी बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एसोसिएट बैंकों के विलय के बाद केंद्र सरकर ने एक और विलय की घोषणा की है. इस बार मोदी सरकार सार्वनिजक क्षेत्र की तीन बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर किया जाएगा. सरकार इसके अलावा भी कई छोटे बैंकों को मिलाकर बड़ा बैंक बनाने की तैयारी में है और सरकार की दलील है कि अब छोटे-छोटे बैंकों की नहीं बल्कि बड़े बैंकों की जरूरत है.
हालांकि सरकार के विलय के फैसले से बैंक यूनियन सहमत नहीं हैं. यूनियन का कहना है कि विलय की इस प्रक्रिया से एनपीए जैसी समस्याओँ से मुक्ति मिलना संभव नहीं है जबकि सरकार ने पहले ही कई सुधारात्म कार्रवाई को शुरू कर दिया है.
यूनियन के मुताबिक इन तीन बैंकों का मर्जर होगा तो इनके शाखाओं की संख्या 85000 हजार के करीब हो जाएंगी और जहां एक ही जगह पर तीनों बैंक होंगे वहां दो शाखाओं को बंद करना होगा. इससे एक ही प्रदेश में अलग-अलग बने बैंक के मुख्यालय और प्रशासनिक कार्यालयों में कर्मचारियों का ट्रांसफर और छटनी होगी.
तीन बैंकों विलय का रास्ता साफ
भारत सरकार (government of indian) ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला ले लिया है. फाइनेंसियल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा, 'हमने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला किया है. तीनों बैंकों के विलय से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
बजट में किए वादे को पूरा कर रहे
इस विलय के फैसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) ने कहा है कि सरकार ने बजट (budget) में घोषणा की थी कि बैंकों का एकीकरण हमारे एजेंडे में भी है और पहला कदम घोषित किया गया है. तीनों बैंको के मर्जर पर जेटली ने कहा, 'कोई भी कर्मचारी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करेगा जो प्रकृति में प्रतिकूल हो. सेवा की सबसे अच्छी स्थिति उन सभी पर लागू होगी.
यह बैंक होंगे महत्वपूर्ण
जानकारों के अनुसार पंजाब नैशनल बैंक, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में बाकी बैंकों का विलय हो सकता है. इस प्रकार जल्द ही देश में 5 बड़े बैंक सामने आ जाएंगे. यह बैंक जहां ग्लोबल चुनौतियों का अच्छी तरह सामना कर सकेंगे, वहीं NPA का सामना भी अच्छी तरह कर पाएंगे. बैंकिंग क्षेत्र में NPA पर वित्त मंत्री का कहना है कि इसकी वास्तविक तस्वीर 2015 में ही सामने आई. यूपीए ने कार्पेट के नीचे एनपीए को छिपा दिया था.' जेटली के अनुसार इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
यह बैंक होंगे महत्वपूर्ण
जानकारों के अनुसार पंजाब नैशनल बैंक, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में बाकी बैंकों का विलय हो सकता है. इस प्रकार जल्द ही देश में 5 बड़े बैंक सामने आ जाएंगे. यह बैंक जहां ग्लोबल चुनौतियों का अच्छी तरह सामना कर सकेंगे, वहीं NPA का सामना भी अच्छी तरह कर पाएंगे. बैंकिंग क्षेत्र में NPA पर वित्त मंत्री का कहना है कि इसकी वास्तविक तस्वीर 2015 में ही सामने आई. यूपीए ने कार्पेट के नीचे एनपीए को छिपा दिया था.' जेटली के अनुसार इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
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