2019 आम चुनाव में मायावती के एजेंडे में पश्चिमी उत्तरप्रदेश, बीजेपी को मात देने के लिए तय होगा प्लान
पश्चिमी उत्तर प्रदेश इस बार मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा, क्योंकि बीजेपी की ध्रुवीकरण चाल और उसके बढ़ते दलित प्रेम से वह पूरी तरह सतर्क हो गई हैं।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश इस बार मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा, क्योंकि बीजेपी की ध्रुवीकरण चाल और उसके बढ़ते दलित प्रेम से वह पूरी तरह सतर्क हो गई हैं।
बीएसपी प्रमुख ने बीजेपी के इस एजेंडे की धार को भांपने के लिए ही पार्टी पदाधिकारियों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ग्राउंड रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
बीएसपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने सबसे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस किया है। पार्टी यहां पर एक सितंबर से अपनी टीम भेजकर ग्राउंड रिपोर्ट लेगी।
बीएसपी के सूत्र ने बताया, "बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष हर मंडल में दो दिन बिताकर मौजूदा माहौल की थाह लेंगे। इसके साथ ही वह संगठन के लोगों से खुली चर्चा कर बीजेपी की रणनीति की काट के लिए खाका तैयार करेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीएसपी का मसकद दलित, मुस्लिम और पिछड़ों को साधने पर रहेगा।"
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने मेरठ में बूथ स्तर की मजबूती परखने के लिए डेरा डाला था। अब वह उत्तर प्रदेश के हर मंडल में हर जिले में दो-दो दिन रुकेंगे। उनका काम दलितों को जोड़ने के बीजेपी के लगातार प्रयास को काटने का उपाय खोजना है।
पार्टी की ओर से तय कार्यक्रम के मुताबिक, कुशवाहा एक व दो सितंबर को आगरा मंडल में रहेंगे। इसके बाद तीन व चार सितंबर को अलीगढ़, छह व सात को बरेली मंडल और आठ व नौ मंडल को मुरादाबाद मंडल के जिलों में बीजेपी की मजबूती व कमजोरी की खोज करेंगे।
कुशवाहा इसके बाद 13 व 14 सितंबर को सहारनपुर मंडल तथा 15 और 16 सितंबर को मेरठ मंडल में रहेंगे। दोनों दिन बूथ और सेक्टर स्तर तक के कार्यकर्ता से वार्ता करेंगे।
बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष इसके बाद 17 से 29 सितंबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश का रुख करेंगे। यहां उनका दौरा आजमगढ़, वाराणसी व मिर्जापुर मंडल का रहेगा। इसी दौरान कानपुर, झांसी तथा चित्रकूट मंडल में भी वह कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। वहां पर भी वह चुनावी तैयारियों की थाह लेंगे।
गौरतलब है कि मायावती का सियासी सफर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ था। उन्होंने पहला चुनाव 1984 में कैराना से लड़ा था। वर्ष 1985 में वह बिजनौर लोकसभा सीट के उपचुनाव व 1987 में हरिद्वार (अविभाजित यूपी) से उपचुनाव लड़ी थीं और हार गई थीं।
मायावती वर्ष 1989 में बिजनौर से सांसद बनीं। वर्ष 1996 और 2002 में वह सहारनपुर की हरौड़ा (सहारनपुर देहात) सीट से विधायक बनीं। वर्ष 2007 में बीएसपी के सबसे ज्यादा विधायक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही जीते थे।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Alia Bhatt: टाइम मैग्जीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में आलिया भट्ट ने किया टॉप, खुश हुए फैंस
-
Raveena Tandon On Payment: बॉलीवुड में एक्ट्रेस की फीस को लेकर रवीना टंडन का खुलासा, एक फिल्म से मालामाल हो जाते थे हीरो
-
Bollywood On Ram Lalla Surya Tilak: राम लला के सूर्य तिलक पर झूमे बॉलीवुड स्टार्स, देखें रिएक्शन
धर्म-कर्म
-
Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें सही तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त
-
Ram Navami 2024: सोने-चांदी के आभूषण, पीले वस्त्र.... राम नवमी पर रामलला को पहनाया गया सबसे खास वस्त्र
-
Ram Lalla Surya Tilak: इस तरह हुआ राम लला का सूर्य तिलक, इन 9 शुभ योग में हुआ ये चमत्कार
-
Ram Lalla Surya Tilak Types; राम लला को कितनी तरह के तिलक किए जाते हैं ,जानें उनका महत्व