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#BadaSawaal: सबरीमाला फैसले पर पुनर्विचार की बात पर ज़ोर क्यों?

सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद केरल में लगातार कुछ समूह इसका विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात भी की जा रही है.

Updated on: 04 Oct 2018, 08:17 PM

नई दिल्ली:

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से कई ऐतिहासिक फैसले दिए जिनमें से एडल्टरी, धारा 377 और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने का फैसला प्रमुख है. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला देते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 आयुवर्ग की सभी महिलाओं को प्रवेश की मंजूरी दी थी।

हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद केरल में लगातार कुछ समूह इसका विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात भी की जा रही है.

जहां केरल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात से इंकार कर दिया है वहीं हर फैसले पर एक दूसरे के खिलाफ खड़ी बीजेपी-कांग्रेस दोनों एक सुर में इस फैसले का विरोध कर रही हैं.

वहीं आर एस एस भी हाल ही में दिए अपने बयानों से पलटता नजर आ रहा है. इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढते हुए आज 'बड़ा सवाल' में हम मेहमानों के साथ चर्चा करेंगे. एंकर अजय कुमार इस मुद्दे से जुड़े तमाम ज्वलंत सवाल पूछेंगे. अगर आप चाहते हैं तो आप भी इस मुद्दे पर अपनी राय दे सकते हैं और सवाल पूछ सकते हैं हमारे एंकर अजय कुमार के जरिए.

इस डिबेट में आज हमारे साथ वरिष्ठ अधिवक्ता रेखा अग्रवाल, आरएसएस समर्थक गीता भट्ट, धर्म गुरु पं. अजय गौतम, हिंदु महासभा के मुख्य सचिव इंदिरा तिवारी, धर्म गुरु यति मां चेतानंद सरस्वती और धर्म गुरु त्रिकाल भवंता चर्चा में शामिल होंगे और सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे.