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जजों ने कहा, बाबर का किया तो हम नहीं बदल सकते, जानें अयोध्‍या मामले की सुनवाई से जुड़ी 10 बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा.

Updated on: 06 Mar 2019, 01:12 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा, ये कोई भूमि विवाद नहीं है. ये लोगों की भावनाओं से जुड़ा मामला है. अंत में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्था का फैसला सुरक्षित रख लिया. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई की ये 10 बड़ी बाते हैं.

1. जस्टिस बोबड़े बोले, ये महज भूमि विवाद का मसला नहीं है. ये लोगों की भावनाओं से जुड़ा मसला है. हम इस फैसले के बाद आने वाले रिजल्ट को लेकर सतर्क हैं.

2. जस्टिस बोबड़े बोले- हम अतीत को नहीं बदल सकते, पर आगे तो फैसला ले सकते हैं. कोर्ट में एक वकील ने दलील थी कि मध्यस्थता को लेकर अगर सभी पक्ष राजी भी हो जाते हैं तो भी जनता मेडिएशन के रिजल्ट को स्वीकार नहीं करेगी.

3. जस्टिस बोबड़े की टिप्पणी, यानी आप पहले से मानकर चल रहे हैं. मीडिएशन फेल ही होगा. ये पूर्वाग्रह होगा. ये आस्था व भावना का मसला है. लोगों के दिल और दिमाग से जुड़ा मसला है.

4. जस्‍टिस बोबड़े ने कहा, एक बार मध्‍यस्‍थता शुरू हो जाएगी तो इसकी रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए.

5. जस्‍टिस बोबड़े ने कहा, सिर्फ एक व्‍यक्‍ति मध्‍यस्‍थता नहीं करेगा, इसके लिए पूरा पैनल होगा. मध्‍यस्‍थता का मतलब सहमति बनाना है. मध्‍यस्‍थता को गोपनीय रखा जाएगा. मध्‍यस्‍थता विफल होगी, यह जरूरी नहीं है.

6. जस्टिस बोबड़े ने कहा, हम आपको यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमने भी इतिहास पढ़ा है, बाबर का आक्रमण या फिर जिसने भी विध्वंस किया हो, पर अब अतीत को तो नहीं बदला जा सकता है. हां, वर्तमान हमारे हाथ में है.

7. जुस्टिस चंद्रचूड़ ने अहम सवाल करते हुए कहा, क्या करोड़ों लोगों को मीडिएशन के परिणाम से बाध्य कर पाना संभव होगा.

8. मुस्‍लिम पक्षकारों की ओर से पेश हुए राजीव धवन ने मीडिएशन को लेकर कोर्ट के सुझाव से सहमति जताई. कहा- बातचीत गोपनीय रहनी चाहिए. अगर सभी पक्ष इसके लिए राजी न हो तो कोर्ट ऐसा आदेश दे सकता है.

9. निर्मोही अखाड़ा ने कहा, पूजा का अधिकार छीना नहीं जा सकता है.

10. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्ता का फैसला सुरक्षित रख लिया है.