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गंगा की गोद में समाए अटल बिहारी वाजपेयी, अस्थि कलश हुआ विसर्जित

बता दें कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अस्थियां देशभर की करीब 100 नदियों में विसर्जित की जाएंगी।

Updated on: 19 Aug 2018, 01:36 PM

नई दिल्ली:

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को रविवार को यहां स्मृति स्थल से उनकी दत्तक पुत्री नमिता और नातिन निहारिका ने एकत्र किया, जिन्हें बाद में हरिद्वार में विसर्जित किया गया। दिवंगत नेता के अस्थि विसर्जन की रस्म रविवार को दोपहर 12 से 1:30 बजे के बीच किया गया। तीन कलश में रखे पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियों को पहले प्रेम आश्रम ले जाया गया और फिर हर-की-पौड़ी में इसे विसर्जित किया गया। 

अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए। इस दौरान कलश यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ देखने को मिली। जन-सैलाब ने इस यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने गंगा में विसर्जित किया।

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अस्थियां देशभर की करीब 100 नदियों में विसर्जित की जाएंगी। वहीं सोमवार को दिल्ली के डी जाधव स्टेडियम में अटल की याद में सर्वदलीय प्रार्थना सभा होगी। साथ ही, सभी राज्यों की राजधानियों में प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी।

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वहीं हरिद्वार में होने वाले कार्यक्रम के चलते आज लखनऊ में अटल जी के अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम स्थगित हो गया है। इसको देखते हुए अटल जी के 20 अस्थि कलश अब रविवार के बजाय 21 अगस्त को जाएंगे। जहां से 23 अगस्त को गोमती नदी में अस्थि विसर्जन किया जिसके बाद अन्य नदियों में विसर्जन के लिए कलश भेजे जाएंगे।  

इससे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने भारत रत्नीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में उदयीमान कवि, पत्रकारिता और सुशासन के क्षेत्र में पांच-पांच लाख रुपए के तीन पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर हर साल देने की घोषणा की है।

वहीं अस्थि कलश शांतिकुंज में संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के समाधि स्थल के पास रखा जाएगा।

बता दें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त गुरूवार को निधन हो गया। कट्टर पार्टी के उदारवादी चेहरे वाजपेयी ने 1990 में पहली बार पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में सफलता हासिल की थी। स्वास्थ्य संबंधी समस्या की वजह से लगभग एक दशक से सार्वजनिक जीवन से दूर 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री 11 जून से अस्पताल में भर्ती थे।