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जनता को मालामाल करेगी कांग्रेस सरकार, जल्द शुरू हो सकती हैं ये सभी परियोजनाएं

अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान साफ दिशा निर्देश दे दिए हैं.

Updated on: 22 Dec 2018, 04:27 PM

जयपुर:

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ योजनाओं को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या गहलोत सरकार पूर्वती सरकार की योजनाओं को बंद करेगी? हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस की सोच नकारात्मक नहीं है. लेकिन इन सभी बातों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान साफ दिशा निर्देश दे दिए हैं कि अगले 60 दिन में उन सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्यवयन को पूरा करें जो पूर्व में कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी. ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है. ऐसे में राज्य में वसुंधरा सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.

दअरसल मार्च में प्रदेश में एक बार फिर लोकसभा चुनाव को लेकर आचार सहिंता लागू हो जाएगी. ऐसे में गहलोत सरकार चाहेगी कि उन सभी निशुल्क दवा/जांच योजना सहित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को नए सिरे से शुरू कर लोकसभा चुनाव में भी फायदा उठाएं. साथ ही सरकार पर पहले की तरह ये भी आरोप नहीं लगे कि शासन के आखिरी साल में योजनाएं लागू की गई. शायद यही वजह है कि लोक प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर कर नई जिम्मदरी उसी के तहत दी गई है. गहलोत सरकार ने अपने पिछले शासन में 15 फ्लैगशिप कार्यक्रम बनाकर उन्हें बेहतर ढंग से लागू किया था. जिनमे मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा/जांच योजना, राजस्थान जननी-शिशु सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क दवा योजना, जयपुर में मेट्रो रेल जैसी तमाम योजनाएं लागू की.

हालांकि गहलोत सरकार पर ये भी आरोप लगता रहा कि ये सभी जनकल्याणकारी योजनाएं शासन के आखिरी साल में लागू की गई. लेकिन इनमें ये कई ऐसी योजनाएं सत्ता परिवर्तन के साथ बदल दी गई. प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई वसुंधरा सरकार ने निशुल्क दवा योजना सहित कई ऐसी योजनाएं थी जिन्हें या तो बंद करने की कगार पर ला दिया या फिर उनका नाम बदल दिया गया. अब सत्ता में आने के पांचवे दिन ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने अधिकारियों को टाइमबांड कर दिया कि अगले 60 दिन में जनकल्याणकारी योजनाएं पटरी आए ही नही बल्कि दौड़ने भी लग जाये.

1. मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा/जांच योजना- राजकीय अस्पतालों में अमीर-गरीब सभी के लिए मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना और जांच योजना को फिर से लागू किया जा सकता है.

2. मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना- गरीबी रेखा से नीचे गुजारा कर रहे परिवारों के लिए 1 रुपये प्रति किग्रा. की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जाए.

3. मुख्यमंत्री ग्रामीण और शहरी बीपीएल आवास योजना- देश के ग्रामीण और शहरी बीपीएल परिवारों को आवास योजना के तहत मकान देने की योजना को गति प्रदान की जाएगी.

5. राजस्थान जननी-शिशु सुरक्षा योजना- योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओँ को निःशुल्क संस्थागत प्रसव सुविधा योजना को गति देना.

6. मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष, राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष- बीपीएल परिवारों के मरीजों को राजकीय चिकित्सालयों में संपूर्ण इलाज निःशुल्क उपलब्ध करवाने के साथ ही अब ह्रदय रोग, कैसर एवं किडनी रोग का इलाज चिन्हित. निजी चिकित्सालयों में करवाने पर एक लाख रुपये तक की सहायता राशि देने की योजना.

7. मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क दवा योजना

8. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक

9- मुख्यमंत्री ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना

10- राजीव गांधी डिजिटल विद्यार्थी योजना

11- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना

12- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना

13- मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना

14- राजस्थान जन सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012

15- राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गई गारंटी अधिनियम 2011 योजना.

ये सभी वे योजनाएं थीं जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले शासन में लागू किया था. लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ इनमें से ज्यादातर योजनाओं का प्रारूप बदल दिया गया था या फिर इन योजनाओं को बंद करने की कगार पर ला दिया था.