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जेटली मानहानि मामला: केजरीवाल की याचिका हाई कोर्ट ने किया खारिज, DDCA मीटिंग की नहीं होगी जांच

1999 से लेकर 2014 तक के डीडीसीए की मीटिंग की जांच की मांग संबंधी केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल घूमक्कड़ी और मछली मारने की जांच न्यायपालिका से नहीं करा सकते हैं।

Updated on: 01 Nov 2017, 12:20 AM

नई दिल्ली:

अरुण जेटली मानहानि मामले में दिल्ली हाइकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फटकार लगाई है। केजरीवाल की 1999 से लेकर 2014 तक के डीडीसीए की मीटिंग के मिनिट्स की जांच कराने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें घुमक्कड़ी और मछली पकड़ने की जांच न्यायपालिका से कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

संयुक्त रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने अपने वचाव में ये नहीं कहा था कि उनका तथाकथित अपमानजनक बयान उन रेकॉर्ड्स पर आधारित था जिसे वो कोर्ट में प्रस्तुत कराना चाहते थे। ऐसे में उनके आवेदन में रखे गए उनके पक्ष के इतर सबूत की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

कोर्ट ने कहा, 'चल रही बहस को देखा जाए तो ये कहा जा सकता है कि अभियुक्त-1 (केजरीवाल) के बचाव में कहीं ये नहीं कहा गया कि लगाए गए आरोप रेकॉर्ड्स देखकर लगाए गए। इसलिये अभियुक्त-1 (केजरीवाल) को रखे गए पक्ष से इतर सबूत लाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

कोर्ट ने आगे कहा, 'साथ ही अभियुक्त-1 को तथ्य या सबूत गढ़ने या फिर घुमक्कड़ी और मछली पकड़ने की जांच के लिये कोर्ट का यंत्र के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।'

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संयुक्त रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में माना कि केजरीवाल ने ये दावा नहीं किया है कि उन्होंने मीटिंग्स की डिटेल्स देखा है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि उन्हें खुद नहीं मालूम कि उसमें क्या है।

आदेश में कहा गया है, 'इसलिये अभियुक्त-1 यह सिद्ध करने में असफल रहा है कि अभियोजन पक्ष (जेटली) से जिरह के लिये मीटिंग की डिटेल को कोर्ट में समन किस आधार पर किया जाए।'

दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी के नेता मिनिट्स के आधार पर ये कैसे ये सिद्ध कर सकते हैं कि डीडीसीए में गड़बड़ी हुई है जब उन्हें इसके बारे में 'कुछ भी पता नहीं' है।

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साल 2015 में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य शीर्ष नेताओं पर मानहानि का केस दायर किया था।

इसके बाद केजरीवाल ने जेटली पर आरोप लगाया था कि डीडीसीए के शीर्ष पद पर रहते हुए जेटली ने भ्रष्टाचार किया है। इस आरोप के बाद ही जेटली ने केजरीवाल पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि केस लगाया है।

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