GST ने 'कांग्रेस लीगेसी टैक्स' से दिलाई मुक्ति, 28 प्रतिशत का स्लैब जल्द हो जाएगा खत्म: जेटली
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की तारीफ की और कांग्रेस के काल में लगने वाले टैक्स को 'कांग्रेस लीगेसी टैक्स' का नाम दिया।
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की तारीफ की और कांग्रेस के काल में लगने वाले टैक्स को 'कांग्रेस लीगेसी टैक्स' का नाम दिया।
जेटली ने फेसबुक का सहारा लेते हुए लिखा कि जीएसटी से पहले की व्यवस्था में लोगों को घरेलू वस्तुओं पर 31 फीसदी तक का टैक्स देना पड़ता था।
उन्होंने गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) पर भरोसा जताते हुए लिखा कि सरकार को इससे होने वाली आय के बाद सीमेंट, एसी और टीवी जैसे सामानों पर पर लगने वाले टैक्स में भी कटौती की जाएगी।
जेटली ने कहा कि केवल विलासिता की वस्तुओं और सिन गुड्स (शराब, सिगरेट आदि) 28 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में रह जाएंगे।
फेसबुक पोस्ट का सहारे जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा पिछले एक साल में 384 वस्तुओं की कीमतों में कमी देखने को मिली है जो कि 'कांग्रेस लीगेसी टैक्स' के दौरान नामुमकिन था।
जेटली ने लिखा कि अब 28 फीसदी वाला स्लैब चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने सर्विस सेक्टर के बारे में कहा कि 68 अलग तरह की सर्विसों पर टैक्स कटौती की गई।
जेटली ने कहा, 'जीएसटी में कटौती से सरकार को 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चूंकि राज्य सरकारों को पहले पांच साल के दौरान जीएसटी के पूर्व स्तर से सालाना 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की गारंटी दी गई है, इसलिए कर कटौती का पूरा बोझ केंद्र सरकार ने वहन किया है।'
उन्होंने कहा कि घरेलू इस्तेमाल के सभी सामानों पर कर की दरें 28 प्रतिशत से कम कर 18 प्रतिशत या 12 प्रतिशत कर दी गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सीमेंट छोड़ निर्माण कार्य में काम आने वाले अन्य सभी सामानों पर दरें कम हुई हैं। यह आजादी के बाद सबसे बड़ा कर-सुधार हुआ है जिससे 'कांग्रेस लीगेसी टैक्स' की जगह 'गुड ऐंड सिंपल टैक्स' आ गया है।
आपको बता दें कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल के सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में अब सिर्फ 35 उत्पाद रह गए हैं।
गौरतलब है कि जीएसटी में टैक्स के 4 स्लैब होने के कारण राहुल गांधी और कांग्रेस ने अक्सर सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले राहुल जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' के नाम से बुला चुके हैं।
इससे पहले एक जुलाई 2017 को 17 स्थानीय टैक्सों की जगह पर जीएसटी को प्रभावी किया गया था। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी काउंसिल ने सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब वाले 191 उत्पादों पर टैक्स घटाया है।
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