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सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय की घोषणा की, बनेगा भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक

देश में बैंकिंग सेक्टर के अंदर लगातार बढ़ रहे एनपीए के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ोदा के विलय की घोषणा की है।

Updated on: 17 Sep 2018, 10:22 PM

नई दिल्ली:

देश में बैंकिंग सेक्टर के अंदर लगातार बढ़ रहे एनपीए के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने तीन सरकारी बैंकों देना बैंक (Dena Bank), विजया बैंक (Vijaya Bank) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के विलय की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि नॉन परफार्मिंग एसेट्स (फंसे हुए कर्ज यानी एनपीए) के बारे में वास्तविक स्थिति 2015 में सामने आई, यूपीए सरकार ने एनपीए को कार्पेट के अंदर छिपा दिया था। उन्होंने कांग्रेस के इस दावे को खारिज किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को पूरा होने के वक्त फंसा हुआ कर्ज (एनपीए) 2.5 लाख करोड़ रुपये का था। उन्होंने कहा कि वास्तविकता में यह 8.5 लाख करोड़ रुपये था।

तीनों बैंकों के विलय पर अरुण जेटली ने कहा, 'सरकार ने बजट के दौरान ही घोषणा की थी कि बैंकों का एकीकरण हमारा पहला एजेंडा है और इसके पहले कदम की घोषणा हुई है।'

जेटली ने कहा, 'बैंकों के इस विलय से किसी कर्मचारी के सेवा स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन सभी के लिए सबसे अच्छी सेवा स्थिति लागू की जाएगी।'

उन्होंने कहा कि जब तक तीनों बैंकों के निदेशक मंडल द्वारा यह प्रस्ताव पारित नहीं कर दिया जाता है, तब तक ये बैंक स्वतंत्र रूप से कामकाज करते रहेंगे। विलय के बाद बने बैंक के नाम पर विलय के दौरान विचार किया जाएगा। जेटली ने कहा कि इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।

पिछले डेढ़ साल में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है। जेटली ने कहा, 'वैकल्पिक प्रक्रिया के तहत आज (सोमवार को) यह फैसला किया गया है और बैंकों के निदेशक मंडलों को इस पर फैसला करने का प्रस्ताव भेजा गया है। निदेशक मंडल की बैठक में विचार-विमर्श के बाद इस पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।'

उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि इससे एक और बड़ा बैंक पैदा होगा, जो टिकाऊ होगा। विलय के बाद बना बैंक अपने बैकिंग परिचालन को बढ़ाएगा।'

पिछली बार सरकार ने पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में एक अप्रैल, 2017 को विलय किया था। इसके बाद देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया।

जेटली ने कहा कि बैंकों का विलय सरकार के एजेंडे में था और बजट में भी इसकी घोषणा की गई थी। सरकार गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए या फंसे हुए कर्जे) के मामलों के निपटारे का इंतजार कर रही है, ताकि इस योजना पर सही ढंग से आगे बढ़ा जाए।

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इससे पहले वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा, हमने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय की घोषणा की है। इन तीनों बैंकों के विलय से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा।

बता दें कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में सकल एनपीए (फंसे हुए कर्ज) ने 10 लाख करोड़ रुपये के चौंकाने वाले स्तर को पार कर चुका है।