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खूनी सड़कें : देश में रोज ले रहीं 56 लोगों की जान

भारत की सड़क पैदल चलने वाले लोगों के लिए काल साबित हो रही है. सरकारी आकंड़ों पर गौर करें तो हर दिन सड़क पर चलने वाले 56 लोगों की मौत होती है.

Updated on: 05 Oct 2018, 07:59 AM

नई दिल्ली:

भारत की सड़क पैदल चलने वाले लोगों के लिए काल साबित हो रही है. सरकारी आकंड़ों पर गौर करें तो हर दिन सड़क पर चलने वाले 56 लोगों की मौत होती है. 2014 से लेकर 2017 तक देश की सड़कों पर मरने वाले राहगीरों की संख्या में 66 फीसदी का इजाफा हुआ. 2014 में इन सड़कों पर 12,330 राहगीर मारे गए. जबकि 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 20,457 हो गया.

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जबकि पिछले साल यानी 2017 में 133 दोपहिया सवार और 10 साइकिल सवारों की मौत हुई है. ऐसा इसलिए होता है कि सुरक्षा के लिहाज से देश की सड़के सबस ज्यादा असुरक्षित है.देश की सड़कों पर मरने वाले राहगीरों की संख्‍या के मामले में सबसे ऊपर तमिलनाडु है. यहां हुए सड़क हादसों में 2017 में सर्वाधिक 3,507 राहगीर मारे गए. जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र रहा. यहां 1,831 राहगीरों की मौत हुई. जबकि तीसरे स्‍थान पर आंध्र प्रदेश है जहां 1,379 राहगीरों की मौत की मौत हुई.

वहीं, बाइक सवारों की बात करें तो तमिलनाडु 6329 मौतों के साथ वो शीर्ष पर है, उत्तर प्रदेश 5699 मौत के साथ दूसरे पायदान पर है. जबकि 4569 मौत महाराष्ट्र में हर साल होता है और वो तीसरे नंबर पर है.

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